श्याम दादा समेत 10 नक्सलियों का समर्पण, बस्तर में अब केवल 120 नक्सली बचे

बस्तर। सरकार की प्रभावी पुनर्वास नीति के चलते नक्सल संगठन को एक और बड़ी चोट लगी है।

शुक्रवार को जगदलपुर के शौर्य भवन में DKSZC के श्याम दादा सहित 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इस कार्यक्रम में पहले आत्मसमर्पण कर चुके सीसी मेंबर रूपेश भी मौजूद रहे। उन्होंने मंच से अपील करते हुए कहा कि शेष बचे नक्सली भी हिंसा छोड़कर विकास की राह अपनाएं।

करीब चार दशक बाद मुख्यधारा में वापसी

आत्मसमर्पण करने वाले श्याम दादा ने बताया कि कॉलेज के समय से ही नक्सलियों की मेडिकल टीम से उनका संपर्क शुरू हुआ था और 1980 में वे भूमिगत हो गए। लंबे समय तक संगठन में रहते हुए उन्होंने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि शुरुआत में वे गढ़चिरौली जिले में सक्रिय रहे और बाद में दरभा डिविजन के प्रभारी बने। श्याम दादा ने कहा कि वे कुख्यात झीरम घाटी हमले में शामिल थे, जिसमें 30 कांग्रेस नेताओं की मौत हुई थी।

550 नक्सली कर चुके हैं समर्पण

आईजी बस्तर सुंदरराज पी ने बताया कि अब तक कुल 550 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। शुक्रवार को समर्पण करने वाले 10 नक्सलियों पर कुल 65 लाख रुपए का इनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि बस्तर में अब केवल 4-5 बड़े नक्सली नेता सक्रिय हैं और पूरे क्षेत्र में लगभग 120 नक्सली ही बचे हैं।

तीन बड़े डिविजन नक्सल मुक्त

आईजी ने जानकारी दी कि माड़, नार्थ और दरभा डिविजन सहित कुल 15 एरिया कमेटी का क्षेत्र अब नक्सल मुक्त घोषित हो चुका है। उन्होंने शेष बचे नक्सलियों से अपील की कि वे आत्मसमर्पण कर समाज और परिवार के साथ बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।

Exit mobile version