दिल्ली। भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर पहुंचे अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश और केरल के छात्रों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इंटरैक्शन के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में जीवन, खानपान, व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर विस्तार से जानकारी दी।
शुभांशु ने बताया कि स्पेस में गुरुत्वाकर्षण नहीं होने से सोने के लिए खुद को एक जगह बांधना पड़ता है, वरना शरीर तैरता रहता है। उन्होंने बताया कि वे रोज योग और एक्सरसाइज करते हैं, ताकि माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों की ताकत बनी रहे। विशेष साइकिल से बंधकर व्यायाम करना होता है।
छात्रों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए तकनीक के माध्यम से परिवार और दोस्तों से संपर्क बनाए रखते हैं। खाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि वह अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम रस भी लाए हैं। यह संवाद देशभर के छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत रहा। लखनऊ, रायबरेली, हरदोई और सीतापुर के कुल 150 छात्रों ने इसमें भाग लिया। इसरो के वैज्ञानिकों ने छात्रों को स्पेस करियर से जुड़ी जानकारियां दीं।
41 साल बाद कोई भारतीय एस्ट्रोनॉट स्पेस में गया है। शुभांशु, नासा-इसरो के संयुक्त मिशन एक्सियम-4 के तहत 26 जून को ISS पहुंचे और 10 जुलाई को धरती पर लौटेंगे। उनका यह अनुभव भारत के आगामी गगनयान मिशन 2027 के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।