श्रीनगर से जम्मू तक सुरक्षा, 80 गांवों में घर-घर तलाशी: घुसपैठ रोकने के लिए कश्मीर पुलिस-सेना का जॉइंट ऑपरेशन

जम्मू-कश्मीर। सीमा से सटे इलाकों में आतंकियों की घुसपैठ की आशंकाओं के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा कदम उठाया है। सेना, बीएसएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन चलाया है। यह ऑपरेशन सीमा के करीब 80 गांवों में घर-घर तलाशी के रूप में जारी है।

अधिकारियों के मुताबिक खुफिया इनपुट मिले थे कि आतंकी घने कोहरे, सर्द मौसम और दुर्गम इलाकों का फायदा उठाकर घुसपैठ कर सकते हैं। इसी को देखते हुए यह व्यापक अभियान शुरू किया गया। रविवार को मजालता जंगल में दो आतंकवादियों के एक घर से खाना लेकर पास के जंगल में भागने की खबर मिली, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने सर्चिंग तेज कर दी।

जम्मू, सांबा, कठुआ और राजौरी के संवेदनशील जिलों में जवान घर-घर तलाशी ले रहे हैं। सांबा के बाबर नाला, पालोरा, त्रेयाल, मनसर और चिल्ला डांगा, तथा अखनूर सेक्टर के प्रगवाल और आसपास के गांवों में सर्चिंग जारी है। जम्मू जिले में पंसर, मनियारी, पहाड़पुर, तप्पन, मरीड़, तरनाह नाला, बैन नाला और किशनपुर कांडी में तलाशी ली जा रही है। अमीराकदल और महाराजा बाजार के घनी आबादी वाले इलाकों में एक्सप्लोसिव, हथियार और एम्युनिशन की जांच के लिए स्निफर डॉग और मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल किया गया।

राजौरी के थानामंडी और मंजाकोट में व्यापक अभियान चल रहा है। गणतंत्र दिवस को देखते हुए लाल चौक और बख्शी स्टेडियम के पास एंटी-सैबोटेज चेकिंग और सर्चिंग भी की गई।

बीएसएफ ने दावा किया कि पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र के सामने करीब 72 आतंकी लॉन्च पैड फिर सक्रिय कर दिए हैं। इनमें 12 लॉन्च पैड अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास और 60 एलओसी के पास हैं।

कश्मीर घाटी में अधिकांश घुसपैठ मार्ग बाड़बंदी और निगरानी के चलते बंद हो चुके हैं। इसलिए आतंकवादी संगठन जम्मू क्षेत्र को वैकल्पिक मार्ग के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। जम्मू सीमा के कुछ हिस्से बिना बाड़ के हैं और भौगोलिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं।

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