दिल्ली। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। 31 मार्च से 15 साल और उससे ज्यादा पुराने वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दिया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को यह घोषणा की। सिरसा ने कहा कि
इस फैसले की जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को जल्द दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंपों पर एक गैजेट लगाया जाएगा, जो 15 साल से पुराने वाहनों की पहचान करेगा और ऐसे वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
परिवहन मंत्री ने जारी किया बयान
दिल्ली के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मार्च में दिल्ली को 1,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली का परिवहन क्षेत्र 235 करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है, और सरकार एक रिकवरी प्लान पर काम कर रही है ताकि एक साल में इसे मुनाफे में लाया जा सके।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ सालों में बेहद बढ़ गया है। नवंबर 2013 में प्रदूषण का स्तर औसतन 287 AQI था, जो नवंबर 2024 में बढ़कर 500 AQI से ऊपर पहुंच गया। इसका मतलब यह है कि अब दिल्ली की हवा में हर दिन 38 सिगरेट पीने जितना प्रदूषण हो रहा है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
हवा खराब हाेने के कारण खराब हो रही सेहत
प्रदूषण से हमारे फेफड़ों, आंखों और ब्रेन पर भी बुरा असर पड़ता है। हाल की स्टडीज़ में पाया गया है कि प्रदूषण स्मोकिंग से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है और यह ब्रेन स्ट्रोक और विकलांगता का कारण बन सकता है। दिल्ली सरकार के इस फैसले से प्रदूषण कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है, और अब यह देखना होगा कि इसका कितना असर होता है।
प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने पूर्व में लिए थे ये फैसले
- सभी ऊंची इमारतों और होटलों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अब अनिवार्य किया गया है।
- दिल्ली में लगभग 90% पब्लिक CNG बसों को दिसंबर 2025 तक हटाकर उनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
- मार्च में दिल्ली को 1,000 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी।