रायपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) इस वर्ष अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। 1925 में स्थापित संघ ने छत्तीसगढ़ में 1929 में रायपुर के तिलक नगर से शुरुआत की थी। वर्तमान में प्रदेश में इसकी 1855 शाखाएं 1460 स्थानों पर सक्रिय हैं। इस विजयादशमी (2 अक्टूबर) से लेकर अगली विजयादशमी तक संघ सात प्रमुख कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
शताब्दी वर्ष में संघ छत्तीसगढ़ में 2000 स्थानों पर हिंदू सम्मेलन आयोजित करेगा। साथ ही 3 लाख गणवेशधारी स्वयंसेवकों का बस्ती स्तर पर पथ संचलन निकाला जाएगा, जो 15 नवंबर तक चलेगा। संघ का लक्ष्य 100 गांवों में नई शाखाओं की शुरुआत करना और 50 लाख घरों तक पहुंचना है। नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक चलने वाले “गृह संपर्क अभियान” में स्वयंसेवक परिवारों से मिलकर संघ के विचारों से अवगत कराएंगे और साहित्य भेंट करेंगे।
युवा वर्ग को जोड़ने के लिए संघ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीट और युवा सम्मेलन भी करेगा। संघ मानता है कि जेनरेशन Z यानी 1997 से 2012 के बीच जन्मी डिजिटल युग की यह पीढ़ी संगठन के भविष्य की मजबूत आधारशिला बन सकती है।
प्रांत संघ चालक टोप लाल वर्मा के अनुसार, शताब्दी वर्ष में ऐसे वर्गों तक पहुंचने का प्रयास होगा जो संघ को जानते तो हैं, लेकिन अब तक जुड़े नहीं हैं। संघ अपने “पंच परिवर्तन” अभियान के तहत कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, नागरिक कर्तव्य और आत्मबोध जैसे मुद्दों पर समाज को जागरूक करेगा।
इस तरह छत्तीसगढ़ में संघ का शताब्दी वर्ष केवल आयोजनों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि संगठनात्मक विस्तार और नए सामाजिक वर्गों तक पहुंच बनाने का प्रयास भी होगा।