महंगाई बढ़ने का खतरा! अब आटे की कीमतों में तेज उछाल, जानिए ताजा भाव

नई दिल्ली। भारत में गेहूं के आटे की कीमतों में लगातार वृद्धि ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है, खासकर उन परिवारों के लिए जो इसे अपने रोजमर्रा के भोजन का अहम हिस्सा मानते हैं। गेहूं का आटा 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिससे इसकी कीमतों में बढ़ोतरी ने लोगों की खर्चों को प्रभावित किया है।

कान्टार की रिपोर्ट के अनुसार, इस बढ़ोतरी से सबसे अधिक ग्रामीण इलाकों में असर पड़ा है, जहां परिवारों के खर्चे बढ़ने के साथ ही FMCG (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर की ग्रोथ भी धीमी पड़ी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि FMCG सेक्टर की ग्रोथ ग्रामीण इलाकों में 4 प्रतिशत रही, जो पिछले साल के मुकाबले कम है। शहरी क्षेत्रों में भी FMCG का विकास धीमा होकर 4.5 प्रतिशत पर आ गया है। इस धीमे विकास का मुख्य कारण गेहूं के आटे की कीमतों में वृद्धि को माना जा रहा है, जिससे घरों के खर्चे बढ़े हैं और लोग अपनी प्राथमिकताओं को बदलने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इस वृद्धि का असर केवल खाद्य खर्चों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे FMCG उत्पादों की खपत भी प्रभावित हुई है, क्योंकि लोग अन्य अनिवार्य खर्चों को प्राथमिकता देने लगे हैं।

दरअसल, ग्रामीण भारत में आटे की बढ़ती कीमतों ने वहां के परिवारों का बजट बिगाड़ दिया है. ग्रामीण इलाकों में आटा लोगों के मासिक खर्च का बड़ा हिस्सा है. लेकिन गेहूं के आटे की कीमतों में आगे भी तेजी आने की आशंका क्योंकि गेहूं की कम पैदावार की वजह से सरकार के पास इसका स्टॉक भी कम है, जो डिमांड में बढ़ोतरी होने पर इसकी कीमतों में तेजी की वजह बन सकता है.

Exit mobile version