युक्तियुक्तकरण: दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों को मिली संजीवनी, बच्चों को मिलेगी उत्कृष्ठ शिक्षा

बलौदाबाजार। शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और समावेशी बनाने के उद्देश्य से जिले में शालाओं और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण प्रभावी ढंग से किया गया है। इस पहल से अब जिले में कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन या एकल शिक्षकीय नहीं रह गया है। सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या और आवश्यकता के अनुसार शिक्षकों की पदस्थापना कर दी गई है, जिससे विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों, बच्चों और अभिभावकों को बड़ा लाभ मिलेगा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मिडिल स्कूल बैजनाथ खपरी, पुरैना खपरी और हरदी जो पिछले दो वर्षों से शिक्षकविहीन थे, उनमें अब तीन-तीन शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। इसी तरह, कसडोल विकासखंड के दूरस्थ प्राथमिक विद्यालय औराई, डाढ़ाखार, भिंभोरी, बफरा, फुरफुंदी, मानदीप, तालदादर, देवरुंग, गोलाझर, बरपानी, बकला, अचानकपुर, हरदी, चन्हाट, सरायपाली तथा भाटापारा विकासखंड के रमदैया और चांदली में छात्रों की संख्या के अनुसार एक-एक अतिरिक्त शिक्षक पदस्थ किए गए हैं।

इसके अलावा, उन्नयन के पश्चात पिछले पाँच वर्षों से एकल शिक्षकीय हाई स्कूल देवगांव, बड़गांव और मरदा में भी अब दो से तीन व्याख्याताओं की पदस्थापना की गई है। यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को समान अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

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