SCO सम्मेलन में राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री की मुलाकात, मधुबनी पेंटिंग भेंट की; साझा बयान पर भारत ने जताया ऐतराज

दिल्ली। चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून के बीच अहम मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की और रिश्तों को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई। राजनाथ सिंह ने चीनी मंत्री को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक मधुबनी पेंटिंग भी भेंट की, जिसे बिहार के मिथिला क्षेत्र की पारंपरिक कला माना जाता है।

राजनाथ सिंह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि बैठक के दौरान उन्होंने चीन के रक्षा मंत्री से रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का आदान-प्रदान किया। खासकर कैलाश मानसरोवर यात्रा को छह वर्षों के अंतराल के बाद फिर से शुरू करने को लेकर उन्होंने खुशी जताई। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक गति बनाए रखनी चाहिए और नए विवादों से बचना चाहिए।

भारत ने साइन करने से किया मना

बैठक के दौरान एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ जब भारत ने एससीओ के साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसकी वजह थी बयान में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का उल्लेख न होना, जिसमें हाल ही में 26 लोगों की जान गई थी। भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट स्टैंड न मानते हुए विरोध जताया।

सम्मेलन में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान पर बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को अपनी रणनीति का हिस्सा बना चुके हैं और ऐसे तत्वों को खुलेआम शरण दे रहे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि अब समय आ गया है जब ऐसे दोहरे मापदंड खत्म किए जाएं और एससीओ जैसे मंचों को इन ताकतों की खुलकर आलोचना करनी चाहिए। इस सम्मेलन में भारत ने जहां सांस्कृतिक संदेश दिया, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी मजबूत स्थिति भी स्पष्ट की।

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