रायपुर। नवा रायपुर प्रभावित किसान संघ के बैनर तले हजारों किसान कड़कड़ाती ठंड व बारिश के बीच 12 दिनों से शांतिपूर्वक आंदोलन नवा रायपुर में जारी हैं। प्रभावित 27 गांवों की महिलाएं, बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। आंदोलन को कई किसान व दूसरे संगठनों का समर्थन मूल रहा है। किसानों के मुताबिक जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती हम यहां से नहीं हटेंगे। इधर सरकार से वार्ता विफल हो जाने के बाद किसानों का आंदोलन नवा रायपुर में जारी है।
क्या कहना है प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष का
नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष के मुताबिक क्षेत्रीय विधायक और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने नवा रायपुर क्षेत्र के सात गांवों के सरपंचों को बातचीत के लिए बुलाया था। इस दौरान आंदोलनकारियों की ओर से उठाई जाने वाली मागों को सरपंचों ने मंत्री के सामने रखा। लेकिन मंत्री ने आंदोलनकारियों की मांगों को नजायज बताया। और पूरा नहीं करने की बात कही। जिसके बाद यह वार्ता विफल हो गई। आगे उन्होंने कहा कि हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं, लेकिन सार्थक पहल होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल के समय कांग्रेस के लोग कुछ और बोलते थे और आज जब सत्ता में आए हैं तो कुछ और बोल रहे हैं। क्षेत्र के किसानों, मजदूरों, युवाओं से छल किया जा रहा है।
हजारों के लिए पंडाल में बन रहा भोजन
नवा रायपुर स्थित धरना स्थल में प्रतिदिन 7 हजार से अधिक लोगों का खाना पकाया जा रहा है। खाना बनने के कारण वहां बड़ी मात्रा में राशन और चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियों की जरूरत पड़ रही है। किसानों, गांव के युवाओं सहित हर तबके के लोग आंदोलन को मजबूत करने सहयोग देने से भी पीछे नहीं हट रह हैं। इनती अधिक मात्रा में खाना बनाने के लिए कोई जलाऊ लकड़ी दे रहा है तो कई राशन पहुंचा रहा है। कुछ किसान सब्जियों की व्यवस्था भी कर रहे हैं। आंदोलन में शामिल होने वाले लोग पूरी व्यवस्था के साथ पहुंच रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन 12 दिनों से शांतिपूर्वक जारी है। आंदोलन में शामिल होने वाले लोग यहीं भोजन भी करते हैं और रात को पंडाल में सोते भी हैं।