रायपुर। राजधानी रायपुर में नगर निगम की सभी दुकानें, कॉम्प्लेक्स और अन्य संपत्तियां अब GIS (Geographic Information System) सर्वे के माध्यम से मैप की जाएंगी। निगम ने इसके लिए हाल ही में टेंडर जारी किया था, जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, रांची और रायपुर की कुल 10 कंपनियों ने भाग लिया।
टेंडर जीतने वाली कंपनी को निगम की सभी संपत्तियों का स्थान, प्रकार और मूल्यांकन का विवरण तैयार करना होगा। इसके साथ ही यह स्पष्ट करना होगा कि कौन सी संपत्ति निगम की है, किसे किराये या लीज पर दिया गया है और वास्तविक मालिक कौन है। वर्तमान में यह जानकारी 10 जोन कमिश्नरों से इकट्ठा करनी पड़ती है और निगम मुख्यालय के पास संपूर्ण रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।
निगम इस सर्वे के जरिए न केवल अपनी संपत्तियों का डॉक्यूमेंटेशन और संग्रहण करवाएगा, बल्कि भविष्य में संपत्ति प्रबंधन और कर संग्रह में सुधार करेगा। सर्वे की मदद से निगम को संपत्तियों के वास्तविक डेटा का स्पष्ट विवरण मिलेगा।
टेंडर प्रक्रिया में शामिल कंपनियों ने अपने प्रेजेंटेशन महापौर मीनल चौबे, निगम आयुक्त विश्वदीप, अपर आयुक्त, उपायुक्त राजस्व और आईटी विभाग के दो विशेषज्ञ सदस्यों के सामने प्रस्तुत किए। अधिकारियों ने तकनीकी और वित्तीय क्षमताओं के आधार पर चयन प्रक्रिया को आगे बढ़ाया।
इस पहल से निगम की संपत्तियों का सटीक रिकॉर्ड तैयार होगा, जिससे भविष्य में प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
निगम के इस निर्णय से कब्जामाफियाओं की परेशानी भी बढ़ेगी। सरकारी संपत्ति में कब्जा करके बैठे या कब्जा करने की तैयारी करने वाले माफियाओं के लिए यह चुनौती होगी। सर्वे के बाद सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड बंदोबस्त किया जाएगा और जमीन को निगम के कब्जे में सुरक्षित किया जाएगा।
यह कदम संपत्ति प्रबंधन और प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।