Raipur: कवर्धा हिंसा मामले में सड़क पर उतरी बीजेपी, सीएम हाउस को घेरने निकली, पुलिस ने रोका तो नेताओं ने की धक्कामुक्की, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह गिरफ्तार

रायपुर। (Raipur) कवर्धा में साम्प्रदायिक हिंसा की आग ठंडी हो चुकी है। लेकिन बीजेपी अभी भी इस मामले को भुनाने में जुटी है। कवर्धा हिंसा घटना की न्यायिक जांच की मांग को लेकर आज बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की अगुवाई में सांसद-विधायकों सहित पार्टी कार्यकर्ता सीएम हाउस के घेराव को निकले। इसी बीच सिविल लाइन थाना पुलिस ने उन्हें रोक लिया। (Raipur) इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच धक्कामुक्की भी हुई। इस दौरान पुलिस ने रमन सिंह समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।

जानकारी के मुताबिक (Raipur) बीजेपी ने रजबंधा तालाब स्थित एकात्म परिसर से रैली निकाली। हाथों में तख्तियां लिए राजधानी के प्रमुख चौक-चौराहे होते हुए रैली राजभवन को पार कर सर्किट हाउस की ओर बढ़ी। इसी बीच सिविल लाइन थाना पुलिस ने रैली को आगे बढ़ने से रोक लिया। इस दौरान बीजेपी नेताओं का पुलिस के साथ धक्कामुक्की भी हुआ। जब पुलिस ने उन्हें लौटने की बात कही, तो नेताओं ने इंकार कर दिया। सभी को सिविल लाइन थाने में बिठा लिया गया।

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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, कवर्धा की घटना को लेकर पूरा छत्तीसगढ आक्रोशित है। इसी आक्रोश की अभिव्यक्ति के लिए हम लोग सड़क पर उतरे हैं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कवर्धा के मामले को लेकर प्रदेश में जन आक्रोश है। इस मसले पर प्रदेश सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है। मामले की न्यायिक जांच को लेकर हमारा विरोध हमेशा जारी रहेगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा, हम लोग धरने पर बैठने आए हैं। हम चाहते हैं कि इस मामले में जितने लोगों पर FIR हुई है वह रद्द हो, केस वापस लिया जाए और घटना की न्यायिक जांच हो।

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क्या है पूरा मामला

कवर्धा के लोहारा नाका चौक पर बिजली के खंबे पर एक झंडा लगाने और फिर उसे उतारने को लेकर दो पक्षों में जम कर मारपीट हुई थी. झंडा लगाने वाले युवक के साथ भी मारपीट की गई. कबीरधाम ज़िले में सुनियोजित तरीक़े से भीड़ को भड़काने की कोशिश की गई थी. बंद की रैली के लिए कई पड़ोसी ज़िलों से लोग शहर पहुँचे थे और उन्होंने जगह-जगह तोड़फोड़ की और आगज़नी की.

पुलिस ने दावा किया था कि हिंसक और बेक़ाबू भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया था। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा था। बढ़ती हिंसा को देखते हुए शहर में धारा 144 लागू भी किया गया था। और इंटरनेट सेवाएं तीन दिनों के लिए ठप कर दी गई थी। हिंसा भड़काने वाले उपद्रवियों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन बाद में उन्हें रिहाई दे दी गई।

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