नहीं थम रहा हाथियों की मौत का सिलसिला, वन विभाग की कार्यशैली पर उठा सवाल

नितिन@रायगढ. जिले के जंगलों में जंगली हाथियों का किसी न किसी बहाने अप्राकृतिक मौत लगातार हो रही है। वन विभाग की कार्य शैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा हैं और लचर व्यवस्था के कारण दो दर्जन से अधिक हाथियों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं हाथियों और इंसानों के बीच आपसी का द्वन्द की घटना भी लगातार बढ़ी है। हालांकि दर्जनों हाथियों और उतने ही इंसानों की मौत के बाद भी आज तक जिले के किसी भी वन अधिकारी के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

एक और वयस्क हाथी की मौत का मामला समाने आया

इसी बीच बीते कल एक और वयस्क हाथी की मौत का मामला समाने आया है। ग्रामीणों के बताए अनुसार घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के आरएफ 1275 अमलीडीह के सुमडा जंगल में शुक्रवार को रात लगभग 1 से 2 बजे मादा हाथी की मौत हो गई थी। जिसकी जानकारी वन विभाग को दिए जाने के बाद भी अमला घटनास्थल पर पहुंच पाया। प्रथम दृष्टया हाथी की मौत का कारण करंट लगना बताया जा रहा है।

घटना स्थल को देखने से जंगली जानवर का शिकार करने के उद्देश्य से छड़ में बांधने वाली वाइंडिंग तार बिछाकर करंट लगाने की बात समाने आई है ।जंगल में तार बिछाया जाना और 3 दिनों से हांथी की मौत का पता नही चलना वन विभाग की कार्य शैली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा हैं।।

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