गुणवत्ता और मानक ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान: सीएम साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता, गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा उत्पादों को मानक चिन्ह प्रदान कर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा रही है और नकली या मिलावटी वस्तुओं पर प्रभावी रोक लगी है।

मुख्यमंत्री साय ने राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने उपस्थित लोगों को गुणवत्ता शपथ दिलाई और मानकीकृत उत्पादों को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने बीआईएस के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था देशभर में गुणवत्ता की संस्कृति विकसित करने में अहम भूमिका निभा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीआईएस द्वारा बोतलबंद पानी, हेलमेट, खिलौने, आभूषण और करीब 22 हजार वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं में मानक चिन्हों के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है, ताकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा मिल सके।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है और इस लक्ष्य में मानकों की भूमिका अहम होगी। स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और मानकीकरण के कारण आज भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने महोत्सव में विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और शैक्षणिक संस्थानों के नवाचारी स्टॉल जैसे स्मार्ट ट्रेन मॉडल, एक्सप्लोरर रोबोट और रक्तचाप मापने वाली मशीन की रचनात्मकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता केवल उद्योग तक सीमित नहीं बल्कि जीवन का संस्कार बनना चाहिए और कहा, “मानक केवल नियम नहीं, राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं।” उन्होंने अधिकारियों, संस्थाओं और युवाओं से आह्वान किया कि क्वालिटी को क्वांटिटी से पहले रखें और छत्तीसगढ़ को मानकीकरण, नवाचार और पारदर्शिता में अग्रणी राज्य बनाएं।

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