रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य में कई सुधार किए हैं, जिनमें सबसे बड़ा कदम राजस्व परामर्श केंद्रों की स्थापना है। इन केंद्रों से आम जनता को सरकारी प्रक्रियाओं में सुविधा मिल रही है और भ्रष्टाचार में कमी आई है।
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में हमेशा प्रशासनिक कार्यों को लेकर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जमीन के दस्तावेज, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र जैसी चीजों के लिए लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। वहीं बिचौलियों, भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेज बनाने की समस्या भी थी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने बताया कि भविष्य में राजस्व परामर्श केंद्रों को और आधुनिक बनाया जाएगा। इसके तहत मोबाइल ऐप, मिनी परामर्श केंद्र और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम लागू किया जाएगा।
राजस्व परामर्श केंद्रों का उद्देश्य और कार्य
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इन समस्याओं का समाधान निकाला और राजस्व परामर्श केंद्रों की स्थापना की। इन केंद्रों का उद्देश्य जनता को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त सेवाएं प्रदान करना था।
राजस्व परामर्श केंद्र की खास बातें:
- डिजिटल पोर्टल: लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और आवेदन की स्थिति देख सकते हैं।
- फ्री काउंसलिंग सेवा: केंद्र में कर्मचारी लोग दस्तावेज़ों और प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देते हैं।
- समयबद्ध सेवा: आवेदन को तय समय सीमा के भीतर निपटाया जाता है।
- भ्रष्टाचार में कमी: बिचौलियों का असर कम हुआ, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगी।
- विशेष सुविधा केंद्र: महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए विशेष सहायता काउंटर।
जनता को मिल रहे लाभ
- किसानों को राहत: किसानों को अब जमीन रिकार्ड की प्रमाणिकता जल्दी मिल जाती है।
- छात्रों के लिए सुविधा: छात्रों को अब जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र जल्दी मिलते हैं।
- महिलाओं और गरीबों को मदद: सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए दस्तावेज़ बनवाना अब आसान हो गया है।
- पारदर्शिता: लोग अब अपनी आवेदन स्थिति देख सकते हैं, जिससे सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता आई है।
निष्कर्ष:
राजस्व परामर्श केंद्रों की स्थापना छत्तीसगढ़ सरकार की ऐतिहासिक पहल है, जिससे जनता को न सिर्फ प्रशासनिक कामों में मदद मिल रही है, बल्कि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता भी आई है।