लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए जन-जागरूकता जरूरी: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम में भाग लिया। यह आयोजन आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया, जहां मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र के महत्व और आपातकाल के दुष्परिणामों पर प्रकाश डाला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 जून 1975 भारत के लोकतंत्र का काला दिन था, जिसे आज की पीढ़ी को जानना, समझना और उससे सीख लेना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि उनके बड़े पिताजी नरहरि प्रसाद साय 19 महीने तक आपातकाल में जेल में रहे और उनके परिवार ने उस दौर की पीड़ा को प्रत्यक्ष अनुभव किया है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र सेनानी परिवारों को सम्मानित किया और कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार उनके संघर्ष को नमन करते हुए 10 से 25 हजार रुपये तक की मासिक सम्मान राशि दे रही है। उन्होंने युवाओं से संविधान की रक्षा और लोकतंत्र को सशक्त करने के लिए जागरूक और सक्रिय रहने की अपील की।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल लोकतंत्र की आत्मा पर हमला था, जिसमें लाखों लोगों को बिना सुनवाई जेलों में डाला गया। उन्होंने युवाओं से इतिहास पढ़ने और लोकतंत्र के लिए सजग रहने का आग्रह किया।

मुख्य वक्ता बलदेव भाई शर्मा ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र का सबसे शर्मनाक दिन बताया और कहा कि यह विश्व इतिहास में अभूतपूर्व घटना थी। मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम में आयोजित विशेष प्रदर्शनी और जागरूकता रैली में भी भाग लिया। प्रदर्शनी में आपातकाल के दौरान हुई घटनाओं को दस्तावेज और चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया, जिसे नई पीढ़ी के लिए अत्यंत शिक्षाप्रद बताया गया।

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