प्राइवेट कर्मचारियों को अब करने होंगे 10 घंटे ड्यूटी, इस राज्य में बदले अब काम करने के निएम

दिल्ली। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के कामकाज के घंटे बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है। अब राज्य में प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को 9 घंटे की जगह 10 घंटे काम करना होगा। सरकार ने बुधवार को कैबिनेट बैठक में इस बदलाव को मंजूरी दी।

राज्य सरकार का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य नए निवेश को आकर्षित करना, रोजगार के अवसर बढ़ाना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना है। इसके साथ ही महाराष्ट्र अब तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों की श्रेणी में आ गया है, जहां पहले ही ऐसे बदलाव लागू किए जा चुके हैं।

फैक्ट्री अधिनियम 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना अधिनियम 2017 में संशोधन कर नियमों को बदला गया है। अब उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए प्रतिदिन काम की अधिकतम सीमा 12 घंटे तक होगी। हालांकि छह घंटे से पहले आराम का समय नहीं मिलेगा। ओवरटाइम की सीमा भी 115 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही कर दी गई है। इसके लिए कर्मचारियों की लिखित सहमति जरूरी होगी।

दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत कामकाजी घंटों को 9 से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है। वहीं, ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे और आपातकालीन ड्यूटी की सीमा 12 घंटे तय की गई है। यह नियम 20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे। जबकि 20 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को अब पंजीयन प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी, केवल सूचना देना पर्याप्त होगा।

राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम कारोबार को आसान बनाएगा और श्रमिकों को अतिरिक्त काम पर दोगुना वेतन भी मिलेगा। फडणवीस सरकार का मानना है कि इससे औद्योगिक माहौल सुधरेगा और लंबे समय से चली आ रही दिक्कतों का समाधान होगा।

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