छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में करोड़ों का मुद्रण घोटाला, EOW ने पेश किया 2000 पेज का चालान

रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में वर्ष 2009-10 के दौरान हुए करोड़ों रुपये के मुद्रण घोटाले का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस घोटाले में निगम के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों और दो प्रिंटिंग एजेंसियों के खिलाफ विशेष भ्रष्टाचार निवारण अदालत में 2000 पेज का चालान दाखिल किया है।

जांच में सामने आया कि कक्षा 3 और 4 के एमजीएमएल कार्ड्स की छपाई में निविदा शर्तों और नियमों का उल्लंघन कर रायपुर की मेसर्स प्रबोध एंड कंपनी और भिलाई की मेसर्स छत्तीसगढ़ पैकेजर्स को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

रिपोर्ट के अनुसार, इन मुद्रकों को कुल ₹5.87 करोड़ का भुगतान किया गया, जबकि नियमानुसार यह राशि मात्र ₹1.83 करोड़ होनी चाहिए थी। डाई कटिंग जैसे अतिरिक्त कार्यों की आड़ में 4.03 करोड़ का अनियमित भुगतान किया गया, जिसमें से 3.61 करोड़ की राशि अतिरिक्त दर्शाई गई।

EOW ने इस घोटाले में चार लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है:

  1. सुभाष मिश्रा – तत्कालीन महाप्रबंधक
  2. संजय पिल्ले – उप प्रबंधक (मुद्रण तकनीशियन)
  3. नंद गुप्ता – मुद्रक, छत्तीसगढ़ पैकेजर्स
  4. युगबोध अग्रवाल – मुद्रक, प्रबोध एंड कंपनी

इसके अलावा, तत्कालीन प्रबंध संचालक जोसफ मिंज के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के बाद अलग से चालान पेश किया जाएगा। इस मामले ने सरकारी तंत्र में पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब निगाहें EOW की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।

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