नई दिल्ली: पीएम मोदी आज लोकसभा को संबोधित कर रहे हैं। यहां वह संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा में भाग लेने पहुंचे हैं। इस दौरान लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी देशवासियों के लिए और विश्व के लोकतंत्र प्रेमी नागरिकों के लिए भी ये गौरव का पल है। बड़े गर्व के साथ लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का अवसर है। संविधान के 75 वर्ष की यात्रा और विश्व के सबसे विशाल लोकतंत्र की यात्रा के मूल में हमारे संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिसे लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। इसके 75 वर्ष पूर्ण होने पर एक उत्सव मनाने का पल है। ये खुशी की बात है कि संसद भी इस उत्सव में शामिल होकर अपनी भावनाओं को प्रकट कर रहा है।
मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूम में जाना जाता है भारत
संविधान निर्माता इस बात को लेकर बहुत सजग थे, वो ये नहीं मानते थे कि भारत का जन्म 1947 को हुआ, वो नहीं मानते थे कि भारत में लोकतंत्र 1950 से शुरू हुआ। वो हजारों साल की यात्रा के प्रति सजग थे। भारत का लोकतंत्र, भारत का गणतांत्रित अतीत बहुत ही समृद्ध रहा है। तभी भारत आज मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में जाना जाता है। हम सिर्फ विशाल लोकतंत्र ही नहीं, हम लोकतंत्र की जननी हैं। संविधान सभा में 15 महिला सदस्य थीं। ये सभी बहनें अलग-अलग क्षेत्र की थीं। संविधान में उन्होंने जो सुझाव दिए, उन सुझावों का संविधान के निर्माण में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा था। दुनिया के कई देशों को महिलाओं को अधिकार देने में दशकों बीत गए, लेकिन हमारे यहां शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया गया था।
जी20 में हमने विमेन लेड डेवलेपमेंट का विचार रखा
जब जी20 समिट हुई तो विश्व के सामने हमने विमेन लेड डेवलेपमेंट का विचार रखा। हम सभी सांसदों ने मिलकर एक स्वर से नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करते हमारी महिला शक्ति को भारतीय लोकतंत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए हमने कदम उठाए। आज हर बड़ी योजना के सेंटर में महिलाएं होती हैं। आज जब हम संविधान के 75 साल मना रहे हैं तो ये संयोग है कि भारत के राष्ट्रपति के पद पर एक आदिवासी महिला हैं। इन सदन में भी महिला सांसदों की संख्या बढ़ रही है और उनका योगदान भी बढ़ रहा है। जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान सराहनीय रहा है। इसके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हमारा संविधान है।