बच्चों से दिल की बात करते हुए भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी, बोले – स्वस्थ रहो, सपनों को पंख दो

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बच्चों के प्रति वात्सल्यपूर्ण रूप एक बार फिर देखने को मिला। सत्य साईं अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने हृदय रोग से जूझकर ठीक हुए बच्चों से “दिल की बात” की। इन नन्हें बच्चों की बातें सुनकर प्रधानमंत्री मोदी कई बार भावुक हो गए और उन्हें खूब आशीर्वाद दिया।

एक बच्ची ने बताया कि वह हॉकी चैंपियन है और उसके दिल में छेद था, जिसका छह महीने पहले ऑपरेशन हुआ। उसने गर्व से कहा कि अब वह फिर से हॉकी खेलती है और बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है ताकि सबका इलाज कर सके। इस पर प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए कहा, “जब तुम डॉक्टर बनोगी और मैं बूढ़ा हो जाऊंगा, तो मेरा भी इलाज करोगी?” बच्ची ने तुरंत जवाब दिया, “हां पक्का।”

एक अन्य बच्चे ने मंच पर कविता सुनाई – “मंजिल से आगे बढ़कर मंजिल तलाश कर…” प्रधानमंत्री ने वाहवाही करते हुए कहा कि यह कविता बच्चों की जिजीविषा को दर्शाती है। एक बच्चे ने बताया कि उसका ऑपरेशन 2014 में हुआ था और अब वह क्रिकेट खेलता है। पीएम ने पूछा, “अब कोई तकलीफ तो नहीं?” बच्चे ने आत्मविश्वास से कहा, “नो सर।”

कार्यक्रम में एक बच्ची ने बताया कि वह बड़ी होकर टीचर बनना चाहती है ताकि गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा सके। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सच्चा शिक्षक वही है जो दूसरों का भविष्य रोशन करे। मोदी ने बच्चों से कहा कि जीवन में स्वस्थ रहना, योग करना और मां के नाम एक पेड़ लगाना उनकी जिम्मेदारी है।

अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, “तुम सब भारत का भविष्य हो। अपने शरीर को स्वस्थ रखो, मेहनत करो और अपने सपनों को पंख दो।” कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति बच्चों की मासूम मुस्कान और प्रधानमंत्री के स्नेहपूर्ण संवाद से भावुक हो उठा।

पढ़े पीएम और बच्चों के बीच बातचीत का अंश

Exit mobile version