अंबिकापुर। सरगुजा संभाग में इंसानियत और साहस की अनोखी मिसाल देखने को मिली। भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल एक गर्भवती महिला ने बुधवार की रात महतारी एक्सप्रेस (108) एंबुलेंस में स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। यह घटना उस समय हुई जब महिला को रायपुर रेफर किया जा रहा था। प्रसव के दौरान एंबुलेंस कर्मियों ने सड़क किनारे ही सुरक्षित डिलीवरी कराकर मानवता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया।
जानकारी के अनुसार, एमसीबी जिले के ग्राम पंचायत बिहारपुर के आश्रित ग्राम छिरछा की रहने वाली 30 वर्षीय शांति बाई पति ब्रह्मानंद बुधवार सुबह खेत जा रही थी। इस दौरान भालू ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसके चेहरे पर गंभीर चोटें आईं। पहले उसे मनेंद्रगढ़ अस्पताल लाया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज और फिर रायपुर रेफर कर दिया गया।
रायपुर ले जाते समय रात करीब 8.45 बजे मड़ई गांव के पास महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। एंबुलेंस पायलट खेलसाय और ईएमटी सत्येंद्र सिंह ने तुरंत वाहन सड़क किनारे रोका और सुरक्षित प्रसव कराया। रात 9.11 बजे महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। इसके बाद मां और बच्चे को सुरक्षित रायपुर मेकाहारा अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने नवजात को पूरी तरह स्वस्थ बताया है, जबकि महिला का इलाज डीकेएस अस्पताल रायपुर में प्लास्टिक सर्जरी विभाग में चल रहा है।
स्वजन ने बताया कि यह शांति बाई का आठवां बच्चा है। चेहरे का मांस भालू के हमले में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, बावजूद इसके उसने हिम्मत नहीं हारी। महतारी एक्सप्रेस कर्मियों की तत्परता और सेवाभाव ने इस संकट की घड़ी में महिला और शिशु दोनों की जिंदगी बचा ली।