रायपुर। छत्तीसगढ़ में मौसम ने करवट ले ली है। 22 मई को प्री-मानसून की एंट्री के साथ प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश हुई। बीजापुर में सबसे ज्यादा 50 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
राज्य के उत्तर और दक्षिण हिस्सों में बिजली गिरने और अंधड़ की आशंका को लेकर मौसम विभाग ने 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट और बाकी हिस्सों में यलो अलर्ट जारी किया है। यह स्थिति 25 मई तक बनी रह सकती है। बारिश के कारण राज्य के तापमान में औसतन 4 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। हालांकि, बुधवार को रायपुर में अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे अधिक रहा।
दो प्रमुख सिस्टम से बदल रहा है मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में दो सिनौप्टिक सिस्टम सक्रिय हैं। एक द्रोणिका रेखा मध्यप्रदेश और झारखंड होते हुए प्रदेश के उत्तरी हिस्सों पर असर डाल रही है। वहीं बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी की वजह से दक्षिणी जिलों में भारी बारिश की संभावना बन रही है।
क्या है द्रोणिका
द्रोणिका एक विशेष मौसमीय रेखा होती है जो हवा के बहाव को प्रभावित करती है। यह कम दबाव वाले क्षेत्रों से जुड़ी होती है और नमी को जमा करती है, जिससे बारिश के लिए अनुकूल वातावरण बनता है।
कहां-कहां हो सकती है बारिश?
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार:
- 20 जिलों (जैसे दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़) में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।
- 6 जिलों (कोरबा, सरगुजा आदि) में अनेक स्थानों पर वर्षा की संभावना है।
- 7 जिलों (कांकेर, बीजापुर, बस्तर आदि) में अधिकांश स्थानों पर बारिश की संभावना है।
बिजली गिरने और ओले के दौरान सावधानी:
- गड़गड़ाहट सुनते ही सुरक्षित पक्के स्थान पर जाएं।
- खुले में पेड़ के नीचे न रुकें।
- बिजली के खंभों, तारों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाए रखें।
- यदि कोई शरण नहीं है, तो जमीन पर उकड़ू बैठ जाएं।