दिल्ली। दिवाली से पहले दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, राजधानी का औसत एअर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 335 दर्ज किया गया है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। पटाखों के धुएं और पराली जलाने से हवा की गुणवत्ता और बिगड़ गई है, जिससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली-NCR में ग्रैप-2 (GRAP-2) के तहत रोक लागू कर दी गई है। इसके तहत कोयला और लकड़ी से जलने वाले तंदूर, भट्ठे और डीजल जनरेटर सेट्स के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही सड़कों पर झाड़ू लगाने, पानी का छिड़काव और ट्रैफिक जाम कम करने जैसे उपाय किए जा रहे हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि प्रदूषण घटाने के लिए दिल्ली में कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) की तैयारी पूरी है, जिसे दिवाली के बाद शुरू किया जा सकता है। वहीं, डॉक्टरों ने नागरिकों को बाहर निकलते समय N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सलाह दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पराली जलाना प्रदूषण की प्रमुख वजह है। हरियाणा और पंजाब में धान कटाई के बाद खेतों में पराली जलाने से हवा में धुआं बढ़ता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने इसके लिए कड़े दंड निर्धारित किए हैं।
राजधानी में इंडिया गेट और अक्षरधाम जैसे क्षेत्रों में घना धुंध छाया हुआ है। हवा में जहर घुलने से दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर में बदलती नजर आ रही है। प्रशासन ने लोगों से सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और प्रदूषण फैलाने वाले साधनों से बचने की अपील की है।