दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन’ (VB-G RAM G) किए जाने के केंद्र सरकार के संभावित फैसले ने देश में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। जहाँ सरकार इसे आधुनिक भारत की विकास गाथा से जोड़ रही है, वहीं विपक्ष इसे गांधी जी की विरासत को मिटाने की साजिश करार दे रहा है।
कांग्रेस का देशव्यापी विरोध
कांग्रेस पार्टी ने इस नाम परिवर्तन को ‘नाम बदलने की राजनीति’ का चरम बताया है। पार्टी का तर्क है कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण गरीबों के लिए ‘काम के अधिकार’ का कानूनी आधार है। कांग्रेस ने इस फैसले के खिलाफ पूरे देश में जन-आंदोलन और विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि सरकार बुनियादी समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए प्रतीकों और नामों से छेड़छाड़ कर रही है।
कंगना रनौत का विवादित बयान
इस सियासी घमासान के बीच मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत के एक बयान ने आग में घी डालने का काम किया। नए नाम ‘VB-G RAM G’ का समर्थन करते हुए कंगना ने ‘रघुपति राघव राजा राम’ भजन का जिक्र किया और अनजाने में या जानकारी के अभाव में उसे ‘नेशनल एंथम’ (राष्ट्रगान) करार दे दिया।
”गांधी जी की विरासत और राम का नाम साथ आना गर्व की बात है, रघुपति राघव राजा राम हमारा नेशनल एंथम है।” — कंगना रनौत (कथित संदर्भ में)
सुप्रिया श्रीनेत का पलटवार
कंगना के इस दावे पर कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर उनकी चुटकी लेते हुए तीखा हमला बोला। श्रीनेत ने कटाक्ष किया कि जिन्हें राष्ट्रगान (जन गण मन) और प्रसिद्ध भजन के बीच का अंतर नहीं पता, वे नीतिगत फैसलों पर ज्ञान दे रही हैं। उन्होंने इसे भाजपा की ‘बौद्धिक दिवालियापन’ का उदाहरण बताया।
यह विवाद अब केवल नाम बदलने तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि यह एक बार फिर ऐतिहासिक प्रतीकों, ज्ञान की गहराई और राजनीतिक विचारधाराओं की जंग बन गया है।
