दुर्ग में जमीन कारोबारियों पर पुलिस का लाठीचार्ज, तनाव बढ़ा

नई गाइडलाइंस से 5–9 गुना बढ़ी जमीन की कीमतें, विरोध उग्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइंस लागू होने के बाद जमीन की कीमतों में 5 से 9 गुना तक बढ़ोतरी हो गई है। इसकी तीखी प्रतिक्रिया पूरे प्रदेश में देखने मिल रही है।

इसी क्रम में सोमवार को दुर्ग में विरोध प्रदर्शन उस समय उग्र हो गया, जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया। जमीन व्यापारियों और रियल एस्टेट से जुड़े लोगों को पुलिस ने सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। कई लोग घायल हुए और बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया।

दुर्ग कलेक्ट्रेट और रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पांच दिनों से चल रहे विरोध को गति तब मिली जब व्यापारियों ने काले झंडे दिखाए और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार व पुलिस प्रशासन का पुतला दहन किया। कांग्रेस ने इसे जनविरोधी नीतियों का नतीजा बताया।

दोपहर करीब 1 बजे प्रदर्शनकारी रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर बढ़ने लगे, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की, लेकिन भीड़ आगे बढ़ती रही। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करने का दावा करते हुए लाठीचार्ज कर दिया। भीड़ तितर-बितर हुई, लेकिन कुछ देर बाद फिर इकट्ठा होकर नारेबाजी शुरू कर दी।

जमीन व्यापारी कन्हैया मिश्रा ने कहा कि जमीन व्यापार ही उनकी रोजी-रोटी है। कई व्यापारी उम्रदराज हैं और दूसरा काम नहीं कर सकते। ऐसे में लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है। वहीं प्रशासन का कहना है कि भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पानी के पाउच फेंके और धक्का-मुक्की की, जिसके बाद स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कार्रवाई की गई।

जमीन की कीमतों में अचानक वृद्धि के विरोध की मुख्य वजह 30% छूट खत्म होना, एक ही जमीन पर दो तरह के रेट लागू होना, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की रजिस्ट्री शुल्क बढ़ना और गांव की अधिकांश सड़कों को “मुख्य मार्ग” घोषित करना है। इससे जमीन के मूल्यांकन में भारी उछाल आया है। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें नहीं मानी गईं तो वे रजिस्ट्री का बायकॉट करेंगे।

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