रायपुर। छत्तीसगढ़ में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी पाने वाले 148 अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर बुधवार को राजधानी रायपुर में दिव्यांग संगठनों ने विधानसभा घेराव का एलान किया। प्रदर्शन से पहले पुलिस ने बस स्टैंड पर बैठे दिव्यांग प्रदर्शनकारियों को जबरन उठाकर गाड़ियों में भरकर नवा रायपुर के तूता धरना स्थल भेज दिया।
इस दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसमें पुलिस कर्मी महिला और पुरुष दिव्यांगों को बलपूर्वक खींचते और गाड़ियों में चढ़ाते नजर आ रहे हैं। महिला दिव्यांगों के साथ बदसलूकी का आरोप भी लगाया गया है।
संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और बल प्रयोग किया। संघ ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती, वे आंदोलन जारी रखेंगे।
संघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) से चयनित 7 डिप्टी कलेक्टर, 3 नायब तहसीलदार, 2 सहकारिता निरीक्षक समेत कुल 148 अधिकारी फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं। इन सभी की तत्काल जांच और बर्खास्तगी की मांग की गई है।
दिव्यांग संघ की 6 सूत्रीय मांगे:
- फर्जी प्रमाण पत्रधारियों की तत्काल बर्खास्तगी।
- बैकलॉग पदों पर दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती अभियान।
- दिव्यांग पेंशन ₹5000 प्रति माह।
- बीपीएल की अनिवार्यता समाप्त की जाए।
- 21 वर्ष से अधिक अविवाहित दिव्यांग महिलाओं को महतारी वंदन योजना में शामिल किया जाए।
- 3% पदोन्नति आरक्षण को लेकर परिपत्र जारी किया जाए।