रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जनजातीय रॉक क्लाइम्बर्स के एक समूह को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हिमालयी गाइड के साथ अल्पाइन पर्वतारोहण अभियान के लिए मियार घाटी भेजा जा रहा है। इस अभियान में रोहित व्यास नेतृत्व भूमिका निभा रहे हैं। यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जहां राज्य सरकार जनजातीय पर्वतारोहियों को तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण पर्वतारोहण के लिए प्रायोजित कर रही है।
अल्पाइन पर्वतारोहण की विशिष्टता
अल्पाइन शैली में पर्वतारोहण पारंपरिक पर्वतारोहण से भिन्न है। इसमें हल्के उपकरणों का उपयोग किया जाता है और पर्वतों पर बिना पूर्व-स्थापित शिविरों या रस्सियों के चढ़ाई की जाती है। यह पर्वतारोहण की सबसे चुनौतीपूर्ण और शुद्ध शैली मानी जाती है। इस अभियान का उद्देश्य राज्य में युवाओं को साहसिक खेलों की ओर प्रेरित करना और राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय हिमालय में तकनीकी पर्वतारोहण को बढ़ावा देना है।
जशपुर का साहसिक खेलों में योगदान
जशपुर प्रशासन युवाओं में साहसिक खेलों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे स्थानीय गाइडों के लिए आय के अवसर पैदा हो रहे हैं और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। रोहित व्यास ने कहा, “इस अभियान के माध्यम से हम जशपुर की छवि को बदलना चाहते हैं और जनजातीय युवाओं की ताकत और क्षमता को प्रदर्शित करना चाहते हैं।”
अभियान का नेतृत्व और सहयोग
इस अभियान का नेतृत्व स्वप्निल शिरीष राचेलवार कर रहे हैं, जिन्हें कई स्थानीय और राष्ट्रीय संगठनों का सहयोग मिल रहा है। अभियान के लिए जशपुर जिले के रॉक क्लाइम्बर्स तेजल भगत, सचिन कुजूर, प्रतीक नायक, रूषनाथ भगत और रवि का चयन किया गया है। यह अभियान सितंबर में शुरू होगा और पूरे वर्ष कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।इस पहल से क्षेत्रीय पर्यटन को बढ़ावा मिलने और जनजातीय प्रतिभा को भारतीय पर्वतारोहण समुदाय से परिचित कराने की उम्मीद है।