संसदीय सचिव ने पैर पखारकर बुजुर्गों का सम्मान कर लिया आशीर्वाद, शंकराचार्य भवन में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस




मनीष सवरैया@महासमुंद। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने वृद्धजन दिवस के अवसर पर वृद्धजनों का जल से पैर पखारकर व फूल माला पहनाकर सम्मानित किया। सम्मान पाकर वृद्धजन अभिभूत हो गए। बुजूर्गों को कंबल का भी वितरण किया गया।

आज शनिवार को शहर के शंकराचार्य भवन में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर थे। अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष राशि महिलांग ने की। विशेष अतिथि के रूप में कृषि उपज मंडी अध्यक्ष हीरा बंजारे, जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रश्मि चंद्राकर, बीज अनुसंधान समिति के संचालक दाऊलाल चंद्राकर, जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संजय शर्मा, सरपंच संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चंद्राकर, मंडी उपाध्यक्ष गोविंद साहू, सरपंच प्रतिनिधि देवव्रत चंद्राकर सहित जिला पंचायत सीईओ एस आलोक मौजूद थे। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि संसदीय सचिव चंद्राकर ने कार्यक्रम में मौजूद बुजूर्गों का पैर पखारकर व फूल माला पहनाकर सम्मानित कर आशीर्वाद लिया। अपने संबोधन में संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि वृद्धजनों का सम्मान करना पुण्य का काम है। बुजुर्गों का सम्मान करना हमारी परंपरा है। वृद्धजनों से हमें प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सदैव मार्गदर्शन मिलता है। उन्होंने कहा कि जिन घरों में बुजुर्गों की कद्र नहीं होती वहां संस्कारों का अभाव रहता है। वहीं जहां बुजुर्गों को सम्मान दिया जाता है वह घर उन्नति के रास्ते पर चलता है। हम सभी को बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए। इसकी शुरुआत हर व्यक्ति को अपने आसपास मौजूद लोगों से करनी चाहिए। हमेशा ध्यान रखें हर व्यक्ति बूढ़ा होगा, तब हम जैसा व्यवहार कर रहे हैं, वैसा ही लोगों से अपने लिए उम्मीद करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में वृद्धों को अत्यंत उच्च एवं आदर्श स्थान प्राप्त है। लेकिन विडंबना है कि आज पूरे परिवार को बरगद की तरह छांव फैलाने वाला व्यक्ति को वृद्धाश्रम में असहाय रहना पड़ता है। सोच बदलने व जनचेतना जगाने से वृद्धाश्रम की जरूरत नहीं पड़ेगी।

उल्लेखनीय योगदान के लिए किया सम्मानित
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर संसदीय सचिव ने बुजूर्गों के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए वरिष्ठजनों को साल श्रीफल से सम्मानित किया। जिसमें प्रमुख रूप से निरंजन चंद्राकर, नारायण चंद्राकर, हरीश पांडे, डॉ आरके परदल, शोभा शर्मा, निरंजना चंद्राकर, जोहनलाल चंद्राकर, चोईथमल राजपाल, मंगलू ढीमर आदि शामिल हैं।

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