कोरोना संक्रमण के मामले घटने पर पाकिस्तान (Pakistan) डब्लूएचओ से लेकर यूएन से खूब तारीफें बटोर रहा है. जबकि 'नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेमाटोलॉजी' की डॉक्टर समरीन कुलसूम ने सरकार के दावे की पोल खोलकर उसे बेनकाब कर दिया है. डॉ. समरीन ने देश में कोरोना के मामले घटने की असली वजह को उजागर किया है.
90 फीसदी लोगों में नहीं थे बीमारी के लक्षण
(Pakistan) ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जर्नल ऑफ पब्लिक में प्रकाशित एक रिपोर्ट में डॉ. समरीन ने लिखा, 'किसी भी वायरल इंफेक्शन के संपर्क में आने के बाद शरीर में एंटीबॉडीज (Antibodies) जेनरेट हो जाती है. ये एंटीबॉडीज मौजूद इंफेक्शन (Corona infection) से इंसान की सुरक्षा करती है.' रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2020 तक कराची की 40 फीसदी आबादी संक्रमित थी, हालांकि इनमें से 90 फीसदी लोगों में बीमारी के लक्षण नहीं थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, कराची में लोगों की इम्यूनिटी (Immunity) डेवलप होने की वजह से कोविड-19 (Covid 19) के मामलों में भारी कमी आई है. साथ ही देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या में भी भारी कमी दर्ज की गई है, जिसे WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने खुद स्वीकार किया है.
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पूरे देश में कई वायरल इंफेक्शन
(Pakistan) पाकिस्तान के लोकप्रिय अखबार 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' से बातचीत में डॉ. समरीन ने कहा, 'जुलाई से सितंबर के बीच कराची की 60 प्रतिशत आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो सकती है. कराची समेत पूरे देश में कई वायरल इंफेक्शन हैं जिनके कारण लोगों की बड़ी तादाद इम्यूनिटी डेवलप कर चुकी है.'
दूसरी संभावित लहर से देश सुरक्षित रहेगा
डॉ. समरीन ने दावा किया है कि यदि पाकिस्तान में कोरोना वायरस की दूसरी लहर आती है तो इससे बहुत कम लोगों को नुकसान होगा. उन्होंने कहा, 'अगर पाक में 60-70 प्रतिशत लोग इम्यूनिटी डेवलप कर लेते हैं तो कोरोना वायरस की दूसरी संभावित लहर से देश सुरक्षित रहेगा. इसके बाद वैक्सीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी.'
कोरोना की दूसरी लहर को लेकर 'पाकिस्तान इंफेक्शन सोसायटी' के अध्यक्ष डॉ. रफीक खानानी ने कहा, 'कोरोना की आंधी पहले की तुलना में कमजोर होगी, क्योंकि पाकिस्तानियों का इम्यून सिस्टम एशिया के बाकी देशों की तुलना में काफी मजबूत है. पाक में लोगों का रेस्पिरेटरी इम्यून सिस्टम काफी ज्यादा मजबूत है.'
वायरस से नुकसान में काफी कमी
डॉ. खानानी ने कहा, 'सामान्य लोगों की इम्यूनिटी सुधरने की वजह से वायरस से नुकसान में काफी कमी आई है. अब कोरोना की गति धीमी पड़ चुकी है. वायरस जहां फैल रहा है, वहां भी नुकसान कम हो रहा है.' खानानी ने कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह भी दी है.
साइड-इफेक्ट दिखने की शुरुआत अब
वैसे कोरोना वायरस (Corona virus) की पहले आई तबाही के साइड-इफेक्ट दिखने की शुरुआत अब हुई है. उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद हार्ट अटैक, मेमोरी लॉस, मानसिक समस्या, स्ट्रोक्स, कमजोरी, क्रैम्प और किडनी डिसीज (Kidney disease) पर असर अब दिखना शुरू हुआ है.