भोपाल। राजधानी भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में डॉक्टर्स की टीम ने एक 3 साल की बच्ची की रोशनी छिनने से बचा ली. यह जटिल सर्जरी नेत्र रोग विभाग, न्यूरोसर्जरी, ट्रॉमा और इमरजेंसी टीम के सामूहिक प्रयासों से संभव हो पाई।
बच्ची रायसेन जिले के सुल्तानपुर की निवासी है और एक आंगनवाड़ी में खेलते समय घायल हो गई थी। घायल होने के बाद उसे एम्स भोपाल के ट्रॉमा इमरजेंसी डिपार्टमेंट में लाया गया। जहां मस्तिष्क की इमेजिंग और अन्य जरूरी जांचें की गईं। इसके बाद, डॉक्टरों ने पेंसिल को निकालने के लिए सर्जिकल योजना बनाई और उसे सफलतापूर्वक निकाला। बच्ची अब पूरी तरह से ठीक हो रही है।
इस सर्जरी का नेतृत्व नेत्र रोग विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रीति सिंह ने किया, और टीम में न्यूरोसर्जरी से डॉ. आदेश श्रीवास्तव और डॉ. राकेश, ट्रॉमा आपातकालीन से डॉ. भूपेश्वरी और डॉ. अंशु शामिल थे। एम्स भोपाल के ट्रॉमा और आपातकालीन टीम ने शीघ्रता से सभी तैयारियों को पूरा किया, जिससे बच्ची को तुरंत राहत मिली।
बच्ची के माता-पिता ने एम्स भोपाल और चिकित्सा टीम का आभार व्यक्त किया। यह सफलता एम्स भोपाल की आपातकालीन मामलों के प्रबंधन में उत्कृष्टता को दर्शाती है और बहुविभागीय दृष्टिकोण की महत्ता को रेखांकित करती है।