ऑपरेशन ‘सिंदूर’ से उजागर हुआ जासूसी नेटवर्क, पाकिस्तान से हवाला और UPI के जरिए हुए लेन-देन

दिल्ली। भारत में पकड़े गए पाकिस्तान समर्थित 12 जासूसों का खुलासा ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के दौरान हुआ। खुफिया एजेंसियों ने इस कार्रवाई में पाया कि जब भारत ने पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, तब पाकिस्तान ने बदले की भावना से अपने स्लीपर सेल को एक्टिव कर दिया। सोशल मीडिया और मैसेजिंग ऐप्स के जरिए इन जासूसों से भारतीय सैन्य ठिकानों, सेना की मूवमेंट और एयरबेस से जुड़ी संवेदनशील जानकारी मांगी गई।

इन जानकारियों के बदले उन्हें पे-पल, ऑनलाइन गैंबलिंग ऐप्स, क्रिप्टोकरेंसी, हवाला और UPI जैसे माध्यमों से 20 हजार से 1 लाख रुपए तक भुगतान किया गया। खुफिया एजेंसियों ने इन ट्रांजेक्शनों की जांच कर डार्क वेब से सटीक सुराग जुटाए, जिससे ज्योति मल्होत्रा, देवेंद्र ढिल्लो, सुखप्रीत सिंह, करणबीर सिंह, मो. मुर्तजा, मोतीराम जाट सहित 12 जासूसों की पहचान हुई।

गृह मंत्रालय को तत्काल सूचित किया गया और राज्यवार एजेंसियों ने समन्वित कार्रवाई कर इन्हें गिरफ्तार किया। अब तक कुल 15 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके साथ ही खुफिया एजेंसियों ने 10 हजार से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स की निगरानी शुरू की है, जिनका पाकिस्तान से संपर्क है। इनमें से कई खाते पंजाब, हरियाणा, गुजरात, यूपी और जम्मू-कश्मीर जैसे राज्यों के हैं। गिरफ्तार जासूसों ने सेना के मूवमेंट की जानकारी, फोटो-वीडियो पाकिस्तान को भेजे। इनमें कुछ हनीट्रैप का शिकार हुए तो कुछ ने खुद एप बनाकर ISI को जानकारी पहुंचाई। ऑपरेशन ‘सिंदूर’ ने देशविरोधी नेटवर्क का पर्दाफाश कर एक बड़ा खतरा समय रहते टाल दिया।

जासूसों ने सेना के मूवमेंट की जानकारी, फोटो-वीडियो भेजे

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