एक देश-एक चुनाव संविधान के खिलाफ नहीं: पूर्व CJI चंद्रचूड़ की राय, ECI की शक्तियों पर जताई चिंता

दिल्ली। पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने संसदीय समिति को दी गई लिखित राय में कहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं है। हालांकि उन्होंने इस पर चिंता जताई कि प्रस्तावित कानून चुनाव आयोग (ECI) को विधानसभाओं का कार्यकाल घटाने या बढ़ाने जैसी शक्तियां दे सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी शक्तियों के प्रयोग की परिस्थितियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।

पूर्व CJI ने यह भी कहा कि एकसाथ चुनाव कराने से आर्थिक रूप से मजबूत राष्ट्रीय पार्टियों को फायदा होगा और क्षेत्रीय व छोटी पार्टियां कमजोर हो सकती हैं। उन्होंने चुनावी वित्त नियमों को मजबूत करने की आवश्यकता बताई। इससे पहले, पूर्व CJI यूयू ललित और रंजन गोगोई भी समिति के सामने पेश होकर अपनी राय दे चुके हैं। ललित ने चरणबद्ध चुनाव का समर्थन किया, जबकि गोगोई ने ECI को मिलने वाली अधिक शक्तियों पर चिंता जताई।

आर्थिक दृष्टि से, EVM की खरीदी पर करीब ₹1.5 लाख करोड़ खर्च आने का अनुमान है। साथ ही, सुरक्षा बलों की संख्या भी दोगुनी करनी होगी। रामनाथ कोविंद समिति की रिपोर्ट के अनुसार, एकसाथ चुनाव कराने से प्रशासनिक कार्यों में निरंतरता बनी रहेगी, आचार संहिता के प्रभाव से नीति-निर्माण नहीं रुकेगा और सरकारी संसाधनों पर दबाव कम होगा।

IDFC संस्थान की रिपोर्ट बताती है कि एकसाथ चुनाव होने पर 77% वोटर एक ही पार्टी को वोट देते हैं, जिससे राजनीतिक स्थिरता बढ़ सकती है। हालांकि, अलग-अलग चुनाव होने पर यह प्रतिशत कम हो जाता है। कुल मिलाकर, एक देश-एक चुनाव पर बहस जारी है, लेकिन इसके संवैधानिक और व्यावहारिक पक्षों पर गहराई से विचार जरूरी है।

Exit mobile version