निर्वाचन ड्यूटी में लगे अफसरों का नहीं होगा तबादला

रायपुर। छत्तीसगढ़ में निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्य के चलते अब संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के स्थानांतरण (ट्रांसफर) पर रोक लगा दी गई है। 

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। निर्देश के अनुसार, पुनरीक्षण कार्य में लगे किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का ट्रांसफर अब भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा।

27 हजार 199 अधिकारी–कर्मचारियों की लगी है ड्यूटी

निर्वाचन आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार निर्वाचन कार्य में प्रदेश में 27 हजार 199 अधिकारी–कर्मचारियों की लगी है ड्यूटी लगी है।  यह रोक उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू होगी जो निर्वाचन नामावली पुनरीक्षण से सीधे जुड़े हैं। इनमें संभागायुक्त (रोल ऑब्जर्वर), कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), उप जिला निर्वाचन अधिकारी (Dy. DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO), बूथ लेवल अधिकारी पर्यवेक्षक (BLO सुपरवाइजर), बूथ लेवल अधिकारी (BLO) तथा इस कार्य से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।

7 फरवरी 2026 तक चलेगी प्रक्रिया

राज्य में 1 जनवरी 2026 को अर्हता तिथि मानते हुए निर्वाचक नामावलियों के विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित किया गया है। आयोग के निर्देशानुसार यह प्रक्रिया 28 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी, जब मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा है कि यह निर्णय कार्य की निरंतरता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 13(सीसी) के तहत पुनरीक्षण कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारी भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण और अधीक्षण में रहेंगे। ऐसे में किसी भी ट्रांसफर से कार्य प्रभावित न हो, इसके लिए सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।

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