धान खरीदी का पैसा अब सीधे किसानों के खाते में

बिलासपुर। धान बेचने के बाद भुगतान के लिए सहकारी बैंक और समितियों के चक्कर लगाने वाले किसानों की परेशानी अब खत्म होने जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस खरीदी सत्र से किसानों को बड़ी राहत देते हुए धान की राशि सीधे आधार लिंक बैंक खातों में ट्रांसफर करने का फैसला किया है।
जानकारी के अनुसार, इस साल यह व्यवस्था सबसे पहले तीन जिलों—कोंडागांव, कोरिया और गौरेला-पेंड्रा मरवाही—में शुरू होगी। अगले साल से इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी है। सरकार का मानना है कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) से किसानों को बिना देरी और बिना बिचौलियों के पूरा पैसा मिलेगा। अभी तक किसानों को धान बेचने के बाद भुगतान सहकारी बैंक और समितियों के जरिए होता था, जिसमें समय और झंझट दोनों लगते थे।
अब किसानों को धान खरीदी का पैसा उसी बैंक खाते में मिलेगा, जिसमें उन्हें गैस सब्सिडी और अन्य योजनाओं का लाभ मिलता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसान अपनी जरूरत के अनुसार कभी भी पूरी राशि निकाल सकेंगे। फिलहाल सहकारी समितियों में माइक्रो एटीएम से सिर्फ 10 हजार रुपए तक ही निकासी संभव थी, जिससे किसानों को बड़ी रकम पाने के लिए बार-बार बैंक जाना पड़ता था।
यह बदलाव किसानों के लिए केवल सुविधा ही नहीं बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता भी है। खरीदी के बाद तुरंत और एकमुश्त भुगतान से किसान खेती, मजदूरी और परिवार की जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकेंगे। लंबी कतारों और किस्तों में भुगतान की परेशानी खत्म होना किसानों के लिए सबसे बड़ी राहत साबित होगी। सरकार का कहना है कि डीबीटी व्यवस्था से पारदर्शिता और विश्वास दोनों बढ़ेंगे और किसानों को समय पर पूरा लाभ मिल सकेगा।