रायपुर। रायपुर में अब फ्लैट वाले भी पीएम सूर्य-घर योजना का लाभ ले पाएंगे। देशभर में यह चुनौती थी कि अपार्टमेंट में एक ही छत होने के कारण हर फ्लैट में सोलर प्लांट कैसे लगाया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ बिजली विभाग ने रायपुर के पार्थिवी पैसिफिक सोसाइटी में वर्चुअल नेट मीटरिंग सिस्टम सफलतापूर्वक लागू किया है।
इस सिस्टम में एक कैबिनेट सोलर पैनल लगाया जाता है और बिजली ग्रिड के माध्यम से हर फ्लैट को वितरित की जाती है। इस सोसाइटी में 132 फ्लैट हैं, जिनमें से 20 फ्लैट मालिकों ने आवेदन किया। विभाग ने कुल 60 किलोवाट का सोलर पैनल इंस्टॉल किया है, जिससे हर फ्लैट को लगभग 300 यूनिट बिजली हर महीने मुफ्त मिलेगी।
एक किलोवाट के सोलर प्लांट की लागत करीब 50 हजार रुपए होती है। योजना के तहत 3 किलोवाट तक सब्सिडी दी जाती है। एक फ्लैट के लिए कुल खर्च 1.50 लाख रुपए था, जिसमें से 1.08 लाख रुपए की सब्सिडी मिली। शेष 42 हजार रुपए निवेश करने पर दो साल में बिजली का खर्च वसूल हो जाएगा। हर महीने 300 यूनिट बिजली का बिल लगभग 1800 रुपए आता है, जो योजना लागू होने के बाद शून्य हो जाएगा।
वर्चुअल नेट मीटरिंग सिस्टम के तहत सोसाइटी में लगाया गया सोलर प्लांट ग्रिड में बिजली भेजता है। एक्सपोर्ट मीटर के माध्यम से बिजली का उत्पादन हर फ्लैट के हिस्से के अनुसार क्रेडिट में बदल जाता है। इससे अब एक ही छत से सभी फ्लैटों को समान रूप से बिजली मिल सकेगी।
यह प्रयोग रायपुर में पहली बार सफल हुआ है और अब प्रदेश के अन्य अपार्टमेंट भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। बिजली विभाग के सचिव रोहित यादव ने बताया कि इस प्रणाली से फ्लैट वाले सोलर ऊर्जा के माध्यम से अपनी बिजली जरूरत पूरी कर पाएंगे और लागत में भारी बचत करेंगे।