गोपाल शर्मा@जांजगीर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनने की प्रतीक्षा कर रहे किसानों ने खेतों में हुई धान की पैदावार को उपार्जन केदो में बेचने पर ध्यान नहीं दिया। और जब गंभीरता दिखाई तो मौसम खराब हो गया। ऐसे किसान संकट में फंसे हुए हैं और चाहते हैं कि इस दौरान नुकसान होने पर सरकार सहायता दे।
विधानसभा चुनाव से पहले ही 1 नवंबर से छत्तीसगढ़ में धन उपार्जन का काम शुरू हो गया था इसके बावजूद किसानों ने धान की बिक्री करने में घोर लापरवाही दिखाई। कांग्रेस के द्वारा 3200 प्रति क्विंटल और भाजपा के द्वारा 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर धान की खरीदी करने की घोषणा की गई थी ऐसे में किसान इंतजार कर रहे थे कि नई सरकार के बनने के बाद में ऊंची कीमत पर अपनी पैदावार को बेचेंगे इस चक्कर में एक महीने का समय बीत गया। नई सरकार के गठन से पहले तमिलनाडु में चक्रवात का असर जांजगीर चांपा जिले में भी हुआ है। इसके प्रभाव से हो रही बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को नुकसान तो हुआ ही साथ ही काटी गई फसल के सामने भी संकट खड़ा हो गया। इन सब कारणों से किसान बेहद परेशान है
बाईट किसान