अब निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों पर भी लागू होगा ESI एक्ट: हाईकोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब प्रदेश के निजी, सहायता प्राप्त और आंशिक सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों पर भी कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 (ईएसआई एक्ट) लागू होगा। कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें विभिन्न स्कूलों ने ईएसआई अंशदान से बचने की दलील दी थी।

8 हजार से अधिक स्कूल आएंगे दायरे में

जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डिवीजन बेंच ने यह फैसला सुनाया। इसके बाद अब प्रदेश के 8 हजार से ज्यादा निजी और अनुदान प्राप्त स्कूलों को ईएसआई एक्ट का पालन करना होगा। इस फैसले से करीब 96,500 से अधिक शिक्षण कर्मचारी और 50 हजार से ज्यादा गैर-शिक्षण कर्मचारी को बीमारी, मातृत्व और दुर्घटना की स्थिति में कानूनी सुरक्षा मिलेगी।

सरकार की अधिसूचना पर उठे थे सवाल

दरअसल, राज्य सरकार ने 27 अक्टूबर 2005 को एक अधिसूचना जारी कर शिक्षा संस्थानों को भी ईएसआई एक्ट के दायरे में शामिल किया था। इसमें साफ कहा गया था कि जिन स्कूलों में 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी हैं, उन्हें 1 अप्रैल 2006 से अंशदान देना अनिवार्य होगा। कई स्कूलों ने इस प्रावधान को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब सभी याचिकाएं निरस्त कर दी गई हैं।

कर्मचारियों को मिलेगा कानूनी हक

राज्य सरकार और ईएसआईसी की ओर से सुनवाई में दलील दी गई कि ईएसआई एक्ट का उद्देश्य श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा देना है। यह केवल औद्योगिक प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं है। अगर स्कूलों को इससे बाहर रखा जाता, तो हजारों कर्मचारी अपने कानूनी अधिकार और लाभों से वंचित रह जाते। हाईकोर्ट के फैसले को शिक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।

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