रायपुर। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बल अब निर्णायक मोड में आ गए हैं। नक्सल संगठन के कई बड़े नेताओं के एनकाउंटर के बाद फोर्स अब पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की योजना पर काम कर रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा तय मिशन 2026 की समयसीमा में अब महज 5 महीने शेष हैं, इसलिए फोर्स ने अब सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर और कांकेर जिलों के 50 सबसे प्रभावित गांवों पर फोकस करने की रणनीति बनाई है।
सूत्रों के अनुसार, इस बड़े अभियान की शुरुआत बीजापुर जिले से होने जा रही है। यहां चुनिंदा गांवों में ऑपरेशन चलाने के लिए डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) की दस विशेष टीमें गठित की गई हैं। इन टीमों में नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों से चयनित जवानों को शामिल किया गया है। अभियान की गंभीरता को देखते हुए इन जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें अगले आदेश तक ड्यूटी पर बने रहने का निर्देश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह ऑपरेशन अबूझमाड़ और कर्रेगुट्टा में चले अभियानों की तरह ही बड़े स्तर का होगा। अबूझमाड़ में नक्सल महासचिव बसवा राजू के मारे जाने को सुरक्षा बलों की ऐतिहासिक सफलता माना गया था। वहीं कर्रेगुट्टा मुठभेड़ में फोर्स हिड़मा को पकड़ने के करीब पहुंच गई थी, हालांकि वह बच निकला, पर उसके 31 साथी मारे गए थे।
इस बार की रणनीति में नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले गांवों को चारों ओर से घेरकर सफाया करने की योजना है। ऑपरेशन से जुड़ी जानकारी राज्य पुलिस मुख्यालय के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंचाई गई है। मंत्रालय और राज्य दोनों स्तरों पर ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों ने फिलहाल अभियान को लेकर आधिकारिक बयान देने से परहेज किया है।
