आज कोई भी देश अकेला सुरक्षित नहीं, साझा इनोवेशन ही सुरक्षा कवच: आर्मी चीफ

  दिल्ली। आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को ‘इंडिया डिफेन्स कॉन्क्लेव 2025’ में कहा कि आज के बदलते खतरे अकेले किसी भी देश से संभाले नहीं जा सकते, इसलिए देशों और उद्योगों को मिलकर रक्षा क्षेत्र में नवाचार करना होगा। उन्होंने कहा, “रक्षा में मिलकर की गई इनोवेशन ही सबसे मजबूत सुरक्षा कवच है।”

जनरल द्विवेदी ने बताया कि भारतीय सेना ड्रोन युद्ध, क्वांटम टेक्नोलॉजी, 6G और स्पेस मिशन जैसे क्षेत्रों में तेजी से काम कर रही है और ऐसे तकनीकी समाधान विकसित कर रही है जो नागरिक और सैन्य दोनों उपयोगों के लिए उपयोगी होंगे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना को आर्थिक मजबूती और परिचालन लचीलापन मिला है, जिससे नए हथियार और तकनीक जल्दी अपनाने की प्रक्रिया तेज हुई है।

आर्मी चीफ ने चार मुख्य बिंदु भी रेखांकित किए — (1) सेना ऑटोमेशन और मैन-अनमैन्ड टीमों की ओर बढ़ रही है, (2) भविष्य की लड़ाई विचारों को क्षमता में बदलने की क्षमता पर निर्भर करेगी, (3) भारत आत्मनिर्भर होता जा रहा है , उदाहरण स्वरूप आकाश एडीएस, ATAGS तोप और जोरावर लाइट टैंक, और (4) जमीन ही अंतिम जीत का पैमाना रहेगी।

इसी कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से मिली सीख नई थिएटर कमान व्यवस्था में शामिल की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सैन्य चुनौतियों का त्वरित और संयुक्त प्रतिक्रिया के लिए थियेटर कमान जरूरी है और सेना को ‘न्यू नॉर्मल’ के लिए हर समय तैयार रहना होगा, विशेषकर पाकिस्तानी सीमा पर निगरानी और जवाबी क्षमता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

आर्मी चीफ ने 1 नवंबर को अपने स्कूल लौटने के अनुभव का जिक्र करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में सिद्धांत और तकनीक के संयोजन और देशव्यापी समर्थन का हवाला दिया।

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