स्वास्थ्य सूचकांक के शीर्ष राज्यों में छत्तीसगढ़ दूसरे नम्बर: नीति आयोग

रायपुर। छत्तीसगढ़ ने स्वास्थ्य सूचकांक में बड़ी छलांग लगाई है। राज्य ने 2022-23 के दौरान स्वास्थ्य सूचकांक में 55.2 अंकों के साथ ‘एचीवर’ श्रेणी में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। रैंकिंग में उच्च प्रदर्शन करने वाले राज्यों में पहले नंबर पर ओडिशा और दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ रहा है।

इस रैंकिंग में कुल पांच अलग-अलग सूचकांकों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाना, राजकोषीय विवेक, ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता शामिल हैं। छत्तीसगढ़ ने पिछले तीन सालों से लगातार दूसरे नंबर पर अपनी स्थिति बनाए रखी है और कई बड़े राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटका और मध्य प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है।

राज्य का खनिज से राजस्व जुटाने, सार्वजनिक व्यय, और राजस्व में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए यह सफलता मिली है। नीति आयोग की रिपोर्ट में 18 प्रमुख राज्यों को शामिल किया गया है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। इन राज्यों का राजकोषीय प्रदर्शन देश की समग्र आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना गया है।

छत्तीसगढ़ की सफलता
छत्तीसगढ़ ने इस रैंकिंग में व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाने, और राजकोषीय विवेक के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन किया। खासतौर पर, राज्य ने राजस्व जुटाने में ‘फ्रंट रनर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त किया। यह रैंकिंग छत्तीसगढ़ के आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करती है, और यह राज्य के निरंतर विकास और मजबूत वित्तीय प्रबंधन का संकेत देती है।

इन पांच राज्यों का उच्च प्रदर्शन

आकांक्षी पांच  राज्य

छत्तीसगढ़ ने कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ा

रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश जैसे कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। 2022-23 की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को 55.2 अंक प्राप्त हुए। इसमें व्यय की गुणवत्ता सूचकांक में 55.1, राजस्व जुटाना में 56.5, राजकोषीय विवेक में 56.0, ऋण सूचकांक में 79.6 और ऋण स्थिरता में 29.0 अंक मिले । छत्तीसगढ़ व्यय की गुणवत्ता में एचीवर श्रेणी में रहा, जबकि राजस्व जुटाने में फ्रंट रनर की श्रेणी में रहा। छत्तीसंढ़ 2020-21 से 2022-23 तक लगातार दूसरे नंबर पर बना हुआ है।

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