आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह की पोषण आहार यूनिट से रोजगार के नए अवसर

सूरजपुर जिले के 366 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा लाभ

रायपुर। एकीकृत बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाने वाली छह प्रमुख सेवाओं में पूरक पोषण आहार एक अत्यंत महत्वपूर्ण सेवा है।

इसके माध्यम से 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों, 3 से 6 वर्ष के बच्चों, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी किशोरियों और 14 से 18 वर्ष आयु वर्ग की सभी किशोरियों को प्रतिदिन निर्धारित मान से पोषण आहार उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का उद्देश्य कुपोषण को दूर कर बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाना है।

इसी उद्देश्य को मजबूती देने के लिए सूरजपुर जिले के विकासखंड भैयाथान के दर्रीपारा में आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा पूरक पोषण आहार निर्माण की आधुनिक यूनिट स्थापित की गई है। इस संयंत्र का लोकार्पण हाल ही में छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े द्वारा किया गया था। यह यूनिट जिले में महिला सशक्तिकरण और पोषण सुरक्षा का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरी है।

महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह, दर्रीपारा को जिला सूरजपुर की एकीकृत बाल विकास परियोजना भैयाथान अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण पूरक पोषण आहार की नियमित आपूर्ति के लिए चयनित किया गया है।

समूह द्वारा लगभग 90 लाख रुपये की लागत से मीठा शक्ति आहार एवं पौष्टिक नमकीन दलिया निर्माण हेतु आधुनिक संयंत्र स्थापित किया गया है। इस यूनिट के माध्यम से परियोजना क्षेत्र के अंतर्गत संचालित 366 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 35 मीट्रिक टन पोषण आहार का निर्माण कर नियमित आपूर्ति की जाएगी।

यह पहल न केवल बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त आहार उपलब्ध कराने में सहायक होगी, बल्कि महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए स्थायी रोजगार और आय के अवसर भी सृजित करेगी। इससे ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। शासन का मानना है कि इस तरह की पहलें पोषण सुधार के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।

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