रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर अटल नगर आज सिर्फ एक प्रशासनिक केंद्र नहीं, बल्कि तेजी से उभरता आर्थिक और तकनीकी हब बन चुका है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह शहर निवेश, नवाचार और सतत विकास का मॉडल बन रहा है। चौड़ी सड़कों, स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, हरित क्षेत्र और योजनाबद्ध नगरीय विकास के कारण नवा रायपुर भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और आधुनिक जीवनशैली का आदर्श प्रस्तुत कर रहा है।
आईटी और डेटा सेंटर कैपिटल के रूप में उभर रहा शहर
सरकार की निवेश-अनुकूल नीतियों के कारण बड़े कॉरपोरेट घरानों का झुकाव नवा रायपुर की ओर तेजी से बढ़ा है। यहां स्थापित होने वाला देश का पहला पूर्ण एआई-आधारित SEZ नवा रायपुर को Google, Microsoft जैसी वैश्विक कंपनियों का संभावित केंद्र बना देगा। आईटी-आईटीईएस क्षेत्र में तेजी से बढ़ती नौकरियों ने इसे युवाओं के भविष्य का रोजगार हब बना दिया है।
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में नई छलांग
सेक्टर-5 में स्थापित की जा रही GaN आधारित सेमीकंडक्टर चिप फैक्ट्री हाई-टेक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाएगी। इससे हजारों तकनीकी नौकरियाँ सृजित होंगी और भारत की आत्मनिर्भरता में छत्तीसगढ़ की भूमिका मजबूत होगी।
शिक्षा—स्वास्थ्य—फिल्म उद्योग: तेजी से बढ़ता विस्तार
NFSU, I-Hub और मेडिकेल एवं खेल विश्वविद्यालय की शुरुआत ने नवा रायपुर को मध्य भारत के बड़े शिक्षा केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया है। वहीं वेलनेस हब, फार्मा उद्योग और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल इसे मेडिकल पर्यटन का पसंदीदा ठिकाना बनाने की क्षमता रखते हैं। फिल्म सिटी का विकास मनोरंजन और सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई दे रहा है।
हरित और स्मार्ट आधुनिक जीवनशैली
500 हेक्टेयर ग्रीन एरिया, 30 से अधिक जलाशय, साइकिल ट्रैक, भूमिगत केबलिंग व हाई-स्पीड इंटरनेट ने इसे पर्यावरण संतुलित स्मार्ट सिटी की मिसाल बना दिया है। यहां आवास, ऑफिस, स्कूल, अस्पताल और मनोरंजन सुविधाएं 5-15 मिनट की दूरी पर उपलब्ध होने से जीवन अधिक सुविधाजनक हो गया है।
आर्थिक स्वतंत्रता और विकास का इंजन
NRDA का कर्ज़ मुक्त होना और 1000 करोड़ रुपये के पूंजीगत निवेश लक्ष्य ने यह साबित कर दिया है कि नवा रायपुर अब छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति का असली इंजन है।
