हैदराबाद। तेलंगाना में नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ी सफलता मिली है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DG) के समक्ष नक्सलियों का ऐतिहासिक आत्मसमर्पण हुआ, जिसमें शीर्ष स्तर के नक्सली नेता भी शामिल रहे। तेलंगाना स्टेट कमेटी के मेंबर रवि और आरसीआरसी (RCRC) कमांडर प्रशांत ने अपने साथियों के साथ हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
जानकारी के अनुसार कुल 40 नक्सलियों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। इनके पास से 12 हथियार भी पुलिस के सामने जमा कराए गए हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में बटालियन स्तर के नक्सली कैडर भी शामिल हैं, जिन्हें संगठन की रीढ़ माना जाता था। यह आत्मसमर्पण नक्सली संगठनों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर करने वालों में छत्तीसगढ़ के नक्सली सदस्य भी शामिल हैं, जो सीमा पार गतिविधियों में सक्रिय थे। इससे साफ है कि तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में चल रहे संयुक्त अभियान का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
तेलंगाना पुलिस का कहना है कि सरकार की पुनर्वास नीति, लगातार सुरक्षा अभियानों और विकास कार्यों के कारण नक्सली संगठन कमजोर पड़ रहे हैं। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की नीति के तहत सुरक्षा, पुनर्वास और रोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पुलिस महानिदेशक ने इसे सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता बताते हुए कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने वाले हर व्यक्ति का स्वागत है। यह आत्मसमर्पण नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
