बस्तर। अबूझमाड़ क्षेत्र में हाल ही में हुई नक्सली मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर बसवा राजू की एक अहम डायरी सुरक्षाबलों के हाथ लगी है। इस डायरी के पन्नों से नक्सलियों में फैले डर और घबराहट की तस्वीर साफ झलकती है। विशेष रूप से DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) के जवानों के प्रति नक्सलियों की दहशत का खुलासा हुआ है।
डायरी में बसवा राजू ने अपने साथियों को DRG से सावधान रहने की चेतावनी दी है। लाल रंग की स्याही में लिखे एक पन्ने में उसने लिखा, “जहां कहीं भी हो, छिप जाओ। DRG वाले खोज-खोजकर मार डालेंगे।” पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह संदेश स्पष्ट रूप से उस भय को दर्शाता है जो DRG जवानों ने नक्सलियों के बीच पैदा किया है।
DRG की स्थापना वर्ष 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पहल पर की गई थी। यह फोर्स स्थानीय युवाओं से गठित की गई है, जो नक्सलियों के इलाकों, भाषा और रणनीति से भलीभांति परिचित हैं। यही वजह है कि DRG, नक्सल प्रभावित इलाकों में मुठभेड़ों में सबसे आगे रहती है और लगातार सफलता हासिल कर रही है।
बस्तर में नक्सल उन्मूलन के लिए सीआरपीएफ, एसटीएफ, कोबरा कमांडो, बस्तर फाइटर और बस्तर बटालियन की टीमें तैनात हैं, लेकिन इन सबके बीच DRG की भूमिका सबसे निर्णायक मानी जा रही है। नक्सलियों के बीच DRG का नाम ही खौफ पैदा कर देता है।
डायरी में दर्ज बसवा राजू के संदेश ने सुरक्षा बलों के मनोबल को और अधिक बढ़ा दिया है। यह प्रमाण है कि सरकार की रणनीति और सुरक्षाबलों की कार्रवाई सही दिशा में है। अबूझमाड़ जैसी दुर्गम जगह में नक्सलियों के गढ़ को तोड़ना और उनका खौफ खत्म करना, सुरक्षा बलों की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। DRG जवानों की बहादुरी और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि नक्सलवाद अब दम तोड़ रहा है और बस्तर की धरती जल्द ही पूरी तरह से शांति की ओर अग्रसर होगी।