नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरे अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों का एक बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक, इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हो रही है। अब तक की जानकारी में 26 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य के घायल होने की आशंका है।
मुठभेड़ अभी भी जारी है और खबर है कि नक्सलियों के शीर्ष कमांडरों को भी सुरक्षाबलों ने घेर लिया है। इनमें नक्सली लीडर रुपेश और विकल्प के भी फंसे होने की जानकारी सामने आई है। इन दोनों पर सुरक्षा एजेंसियों को लंबे समय से नजर थी और अगर इनकी गिरफ्तारी या मुठभेड़ में मारे जाने की पुष्टि होती है तो यह नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी कामयाबी होगी।
इस ऑपरेशन में नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव और उत्तर बस्तर कांकेर जिलों की DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की टीमें शामिल हैं। इनके साथ-साथ कोबरा कमांडो और STF के जवान भी अभियान का हिस्सा हैं। यह ऑपरेशन नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले इलाकों को खाली कराने और सुरक्षा बलों की स्थायी उपस्थिति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ नाम से एक और बड़ा एंटी नक्सल अभियान चलाया गया था। 21 अप्रैल से 11 मई तक चले इस अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया गया, जबकि 214 माओवादी ठिकानों और बंकरों को नष्ट किया गया। जवानों ने 450 से अधिक IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) भी बरामद किए।
हालांकि, इन ऑपरेशनों के दौरान सुरक्षाबलों को भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ में 18 जवान घायल हुए थे, जिनमें कई को गंभीर चोटें आई थीं। इसके बावजूद जवानों का मनोबल ऊंचा है और वे लगातार नक्सल प्रभावित इलाकों में दबाव बनाए हुए हैं।
अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों के लिए लंबे समय से सुरक्षित ठिकाना रहा है, लेकिन लगातार हो रहे ऐसे बड़े ऑपरेशन यह संकेत दे रहे हैं कि अब सुरक्षाबलों की रणनीति न केवल सक्रिय है, बल्कि उसे मैदान में भी सफलता मिल रही है। आने वाले समय में इस मुठभेड़ से जुड़ी और जानकारी सामने आने की संभावना है, जिसमें मारे गए नक्सलियों की पहचान और ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी स्पष्ट हो सकेगी।