नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़: आत्मसमर्पण की बढ़ती बयार से लक्ष्य हो रहा साकार: सीएम

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुकमा जिले में “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” कार्यक्रम के तहत 10 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण को छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक प्रगति बताया।

आत्मसमर्पण करने वालों में दरभा डिवीजन कमेटी के सदस्य सहित कुल 6 महिला माओवादी भी शामिल हैं, जिन पर मिलाकर 33 लाख रुपये का इनाम घोषित था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटनाक्रम बस्तर क्षेत्र में हिंसा, भय और भटकाव की कमजोर पड़ती विचारधारा तथा विकास और विश्वास की मजबूत होती दिशा का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प अब केवल एक लक्ष्य नहीं बल्कि तेजी से साकार हो रही वास्तविकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सुरक्षा, विकास और पुनर्वास की संयुक्त रणनीति ने नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में स्थायी परिवर्तन की बुनियाद रखी है।

उन्होंने कहा कि विशेष पुनर्वास नीति आत्मसमर्पण करने वालों को सुरक्षा, सम्मान, कौशल विकास, आजीविका और पुनर्स्थापना का मजबूत अवसर प्रदान करती है, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में सम्मानजनक जीवन जी सकें।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हिंसा किसी का भविष्य नहीं बदल सकती, जबकि लोकतंत्र और विकास की राह जीवन में स्थायी परिवर्तन लाती है। उन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के निर्णय का स्वागत करते हुए अन्य भटके युवाओं से भी अपील की कि वे हथियार छोड़कर शांति, प्रगति और समृद्धि के मार्ग को अपनाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार के प्रयासों सुरक्षा बलों की प्रभावी कार्रवाई, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार, सड़क–बिजली–शिक्षा की उपलब्धता और पुनर्वास आधारित मानवीय दृष्टिकोण ने बस्तर में परिवर्तन की नई कहानी लिखनी शुरू कर दी है। सरकार का लक्ष्य स्पष्ट है: छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सलवाद मुक्त बनाना और बस्तर को विश्वास, विकास और अवसरों का नया केंद्र स्थापित करना।

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