मुख्यमंत्री से मिले नक्सल पीड़ित, मांगा निर्णायक कार्रवाई का भरोसा

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से 1 मई को उनके निवास में बस्तर अंचल से आए नक्सल हिंसा पीड़ितों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में सुकमा, बीजापुर, कांकेर और अन्य जिलों के वे लोग शामिल थे, जिन्होंने नक्सल हिंसा में अपने परिजन खोए हैं, यातनाएं झेली हैं या विस्थापन का दुख सहा है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।

प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए कुर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान को निर्णायक मोड़ तक पहुँचाने की अपील की। उन्होंने बताया कि माओवादी हिंसा ने बस्तर के हजारों परिवारों की ज़िंदगी प्रभावित की है और क्षेत्र के विकास में बाधा डाली है। हालांकि, हाल के समय में सरकार और सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई से शांति और विश्वास का माहौल बना है।

ग्रामीणों ने बस्तर ओलंपिक और पंडुम जैसे आयोजनों को सकारात्मक बदलाव का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री साय ने पीड़ितों की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि सरकार नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कुर्रेगुट्टा अभियान अब निर्णायक मोड़ पर है और सरकार किसी भी हाल में इसे अधूरा नहीं छोड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नक्सलवाद सिर्फ हिंसा नहीं, बल्कि हमारी सह-अस्तित्व की संस्कृति पर भी हमला है। उन्होंने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और कोई भी नक्सल समर्थक गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि जनता की भागीदारी से बस्तर में स्थायी शांति और विकास जरूर आएगा।

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