गाजियाबाद। नमो भारत रैपिड ट्रेन के प्रीमियम कोच में छात्रा और छात्र के अश्लील वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आया है कि वीडियो में दिख रही छात्रा ने मानसिक दबाव में आकर जान देने की कोशिश की थी।
परिजनों ने समय रहते उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज कराया गया। फिलहाल परिवार ने उसे दूसरे शहर में रिश्तेदारों के घर भेज दिया है, ताकि वह इस सदमे से उबर सके। छात्रा गाजियाबाद की रहने वाली है, बालिग है और मेरठ रोड स्थित एक इंस्टीट्यूट से बीसीए की पढ़ाई कर रही थी। वहीं, वीडियो में नजर आने वाला छात्र गाजियाबाद के एक कॉलेज से बीटेक कर रहा है। दोनों एक ही जाट बिरादरी से हैं और उनके घरों के बीच महज तीन किलोमीटर का फासला है।
मामले में मुरादनगर थाने में छात्र और छात्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज को वायरल करने वाले नमो भारत ट्रेन के ऑपरेटर पर भी केस दर्ज हुआ है। जांच में सामने आया कि ऑपरेटर ने बिना अनुमति के अपने मोबाइल से ट्रेन के केबिन में रिकॉर्डिंग की और बाद में इसे वायरल कर दिया। इस गंभीर लापरवाही पर उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
दैनिक भास्कर की टीम जब छात्रा के घर पहुंची तो परिवार ने कैमरे पर आने से इनकार कर दिया। छात्रा के चाचा ने बताया कि वीडियो के बाद से पूरे इलाके में बदनामी फैल गई है। लोग घर के अंदर झांकते हुए गुजरते हैं, इसलिए अब वे अधिकतर समय दरवाजा बंद रखते हैं। परिवार इस बात से भी डरा हुआ है कि एफआईआर के बाद पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी हो सकती है।
पड़ोसियों के मुताबिक, वीडियो सामने आने के बाद छात्रा बेहद टूट गई थी और उसने आत्महत्या का प्रयास किया था। परिजनों ने उसे बचा लिया, लेकिन वह अब कॉलेज भी नहीं जा रही है। इंस्टीट्यूट के छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि छात्रा पढ़ाई में होशियार थी, लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट ने उसकी जिंदगी और करियर दोनों को खतरे में डाल दिया। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि कुछ सेकंड की सनसनी के लिए किसी की पूरी जिंदगी तबाह कर देना कितना खतरनाक हो सकता है।
