बालोद जिले का मुड़पार गांव, आजादी के अमृत महोत्सव के दिन घर में हुए कैद.. देखिये ये वीडियो

मीनू साहू@बालोद. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में आजादी के महापर्व पर ग्रामीणों ने कहा आखिर हमे हर साल बारिश के मौसम में आवागमन के लिए पुल की गुलामी से कब और कैसे मुक्ति मिलेगी. आजादी के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर को वैसे तो पूरा देश अमृत महोत्सव के रूप में सेलिब्रेट कर रहा है, लेकिन डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम पंचायत हितापठार अंतर्गत ग्राम मुड़पार जो महिला बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया द्वारा गोद लिया गया है. चारों तरफ नदी नालों से घिरा हुआ है. यहां लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के पिछड़ेपन की गुलामी से आजाद होने के लिए संघर्ष करने को मजबूर है.

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नदी नाले उफान पर

भारी बारिश से नदी नाले उफान पर होने से गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. जिससे ग्रामीण इस आजादी के महापर्व में भी घरों में कैद रहने को मजबूर है. आदिवासी अंचल होने के कारण प्रशासन की लापरवाही व मूलभूत सुविधाओं के पिछड़ेपन की सजा भुगत रहे हैं।

कांग्रेस सरकार के शासनकाल ने मुड़पार विकास के लिए तरस रहा: बीजेपी

ग्रामीणों को आवागमन में हो रही असुविधा पर नाराजगी जताते हुए डौंडीलोहारा भाजपा मंडल के महामंत्री दारा सिंह ने कहा की कांग्रेस सरकार के शासनकाल ने मुड़पार विकास के लिए तरस रहा है। बरसात के दिनों में आवागमन के लिए कोई भी मार्ग नहीं है।

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