रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में आज ऐतिहासिक कदम उठाया गया। मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग और कॉन्टिनेंटल हॉस्पिटल तेलंगाना के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (PMSSY) के अंतर्गत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों सहित हर नागरिक तक विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना सरकार का लक्ष्य है। आठ वर्ष पहले शुरू हुए इस अस्पताल का निर्माण अब पूर्णता की ओर है और रजत जयंती वर्ष में इसका शुरू होना ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल विशेष रूप से बस्तर क्षेत्र के लोगों और नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए जीवनरक्षक साबित होगा। अब गंभीर मरीजों को रायपुर लाने की आवश्यकता नहीं होगी, जगदलपुर में ही इलाज उपलब्ध होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पहले सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएँ केवल बड़े शहरों तक सीमित थीं, लेकिन अब बस्तर के लोग भी इनका लाभ ले सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप संसाधन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है।
स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया ने बताया कि 200 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अस्पताल में केंद्र सरकार ने 120 करोड़ और राज्य सरकार ने 80 करोड़ का योगदान दिया है। एनएमडीसी ने भी सहयोग किया है। यह 11 एकड़ में फैला 10 मंजिला अस्पताल 240 बिस्तरों की क्षमता वाला होगा। इसमें कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी और गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे विभाग होंगे। अस्पताल में ओपीडी, आईसीयू, आपातकालीन सेवा और अत्याधुनिक उपकरणों की सुविधा होगी। विशेषज्ञ डॉक्टर सरकारी दरों पर इलाज करेंगे। यह पहल न केवल बस्तर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के मरीजों के लिए नई आशा बनेगी।