दिल्ली। 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में बिहार की वोटर लिस्ट को लेकर सियासी घमासान तेज होने वाला है। विपक्षी INDIA गठबंधन ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। कांग्रेस, आरजेडी और तृणमूल कांग्रेस सदन में कार्यस्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही हैं, जिससे संसद की कार्यवाही रोककर इस विषय पर तत्काल चर्चा की जा सके।
बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। विपक्ष इसे राज्य में राजनीतिक हस्तक्षेप का मामला बता रहा है। वहीं, सरकार सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने की दलील देकर बचाव में आ सकती है। कोर्ट ने SIR पर रोक नहीं लगाई है और अगली सुनवाई 28 जुलाई को है।
गौरतलब है कि इस बार संसद सत्र की घोषणा 47 दिन पहले कर दी गई थी, जो असामान्य है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विपक्ष की विशेष सत्र की मांग से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया था। इस सत्र में विपक्ष पहलगाम आतंकी हमले, विदेशी हस्तक्षेप, और खुफिया तंत्र की विफलता जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
वहीं, सरकार का फोकस आर्थिक सुधार से जुड़े विधेयकों पर रहेगा। इसमें डिजिटल प्रतिस्पर्धा, दिवालियापन कोड और जीएटी न्यायाधिकरण विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा, जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में नकदी जलने के मामले में उनके खिलाफ महाभियोग लाया जा सकता है, जिस पर तीखी बहस की संभावना है।